लॉकडाउन का प्रवासी मजदूरों पर टूट रहा कहर, पैदल ही घर लौटने को मजबूर!

कोरोनावायरस के कारण देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव प्रवासी मजदूरों पर पड़ रहा है. लॉकडाउन के चलते हालात ऐसे बन गए हैं कि ये प्रवासी मजूदर अपने घर लौटने के लिए सैकड़ों या हजारों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर है. पूरे देश में कहीं मजदूर हाइवे तो कही रेलवे पटरियों के जरिए अपने घर लौटने की कोशिश में जुटे हुए हैं. देखें तस्वीरें...

  • मध्य प्रदेश की ओर बढ़ रहे प्रवासी अपने बच्चों को साइकिल पर बैठाकर ले जाते नजर आए. ये तस्वीर प्रवासियों की बेबसी बयां कर रही है.
    मध्य प्रदेश की ओर बढ़ रहे प्रवासी अपने बच्चों को साइकिल पर बैठाकर ले जाते नजर आए. ये तस्वीर प्रवासियों की बेबसी बयां कर रही है.
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  • प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कारगर कदम उठाने की बातें कही जा रही हैं, लेकि इसके बावजूद कई प्रवासी अपने घर पैदल ही निकल पड़े हैं. इतना ही नहीं प्रवासी मजदूरों को सड़क व रेल हादसों का शिकार भी बनन पड़ रहा है.
    प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कारगर कदम उठाने की बातें कही जा रही हैं, लेकि इसके बावजूद कई प्रवासी अपने घर पैदल ही निकल पड़े हैं. इतना ही नहीं प्रवासी मजदूरों को सड़क व रेल हादसों का शिकार भी बनन पड़ रहा है.
  • एक परिवार जो अपने घर या गांव लौटने के लिए बस का इंतजार करता हुआ.
    एक परिवार जो अपने घर या गांव लौटने के लिए बस का इंतजार करता हुआ.
  • प्रवासी मजदूरों की हालत काफी दयनीय हो गई है. उत्तर प्रदेश के आगरा में हाइवे पर एक मां अपने सामान का बोझ संभालने के साथ-साथ अपने बच्चों को भी उठाए हुए हैं. ये मजदूर घर लौटने के लिए कोई भी तरीका अपना रहे हैं, फिर चाहे वो बस, ट्रेन, साइकिल या फिर पैदल चलना ही क्यों न हो.
    प्रवासी मजदूरों की हालत काफी दयनीय हो गई है. उत्तर प्रदेश के आगरा में हाइवे पर एक मां अपने सामान का बोझ संभालने के साथ-साथ अपने बच्चों को भी उठाए हुए हैं. ये मजदूर घर लौटने के लिए कोई भी तरीका अपना रहे हैं, फिर चाहे वो बस, ट्रेन, साइकिल या फिर पैदल चलना ही क्यों न हो.
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