ओलिंपिक: 11 दिनों का इंतज़ार खत्म, आखिरी चंद सेकेंड में साक्षी ने रच दिया इतिहास...
इस खबर से पूरे देशवासियों का दिन बन गया। भारत को ओलिंपिक में पहला पदक मिल गया है।
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साक्षी मलिक ने रियो ओलिंपिक में 58 किग्रा भारवर्ग फ्रीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक हासिल कर इतिहास रच दिया है।
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प्ले ऑफ मुकाबले में जुझारू प्रदर्शन करते हुए साक्षी ने किर्गिस्तान की पहलवान एसुलू तिनिवेकोवा को 8-5 से हराकर पदक जीता।
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इस मैच के पहले पीरियड में वह किर्गिस्तान की पहलवान एसुलू तिनिवेकोवा से 0-5 से पिछड़ गईं. दूसरे पीरियड में शुरुआत में पिछड़ने के बाद साक्षी ने जबर्दस्त वापसी की और 8-5 से दूसरा सेट जीतकर कांस्य पदक जीतने में कामयाब हुईं और भारत की झोली में पदक डाला।
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उसके बाद तीसरे मिनट के अंतिम क्षण में एक और शानदार मूव के जरिये साक्षी ने दो प्वाइंट बनाए और मैच समाप्त होने पर 7-5 से जीत हासिल की।
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इससे पहले, क्वॉर्टर फाइनल में हार के बाद कांस्य की दौड़ के लिए रेपचेज मुकाबले में उतरी साक्षी मलिक ने अपना मुकाबला जीत लिया था।
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साक्षी को दरअसल, क्वॉर्टर फाइनल में हराने वाली रूस की पहलवान कोबलोवा झोलोबोवा वालेरिया ने फाइनल में प्रवेश कर लिया, जिससे साक्षी को यह मौका मिला।
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साक्षी को बधाई देते हुए पीएम ने ट्विटर पर लिखा, 'रक्षाबंधन के मंगल दिन पर भारत की बेटी साक्षी मलिक के कांस्य पदक जीतने पर हम सबको गर्व है. साक्षी मलिक से आने वाले कई सालों तक खिलाड़ियों को प्ररेणा मिलेगी।'
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हरियाणा के रोहतक की 23 साल की साक्षी मलिक ने ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली पहली महिला भारतीय पहलवान बन गई हैं।
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2014 में आयोजित ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में फ्रीस्टाइल की इसी श्रेणी में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था. इसके अलावा 2014 में ताशकंद में आयोजित 64 किग्रा विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में इन्होंने शिरकत की थी।
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साक्षी मलिक ने जीत के बाद कहा कि 12 सालों की मेहनत की बदौलत उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।
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