देखिए, कैसे नम आंखों के साथ भारत ने अपने 'रतन' को दी विदाई
दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में शामिल रतन टाटा अपनी शालीनता और सादगी के लिए मशहूर रहे. लेकिन वह कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए. रतन नवल टाटा ने बुधवार की रात 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली.
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प्रसिद्ध उद्योगपति और परोपकारी रतन टाटा का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार शाम मध्य मुंबई स्थित एक शवदाह गृह में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. मुंबई पुलिस ने उन्हें श्रद्धांजलि और गार्ड ऑफ ऑनर दिया. वर्ली स्थित शवदाह गृह में टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा समेत उनके परिवार के सदस्य और टाटा समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन समेत शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.
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दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में शामिल रतन टाटा अपनी शालीनता और सादगी के लिए मशहूर रहे. लेकिन वह कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए. वह 30 से ज्यादा कंपनियों के कर्ताधर्ता थे, जो छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली हैं. उन्होंने अपना जीवन एक संत की तरह जीया.
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रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने उद्योगपति रतन टाटा को समुद्र तट पर रेत से उनकी कलाकृति बनाई और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
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मुंबई पुलिस ने उन्हें श्रद्धांजलि और गार्ड ऑफ ऑनर दिया. वर्ली स्थित शवदाह गृह में टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा समेत उनके परिवार के सदस्य और टाटा समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन समेत शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.
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कलाकारों ने उद्योगपति रतन टाटा को अपने कला के जरिए श्रद्धांजलि दी.
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उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते लोग
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रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी.
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साल 1991 में टाटा संस के चेयरमैन के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद, टाटा के परोपकार संबंधी प्रयासों को नई गति मिली. उन्होंने अपने परदादा जमशेदजी द्वारा स्थापित टाटा ट्रस्ट को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया, ताकि महत्वपूर्ण सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके. रतन टाटा ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज जैसे उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की.
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