Odisha Train Accident: युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी, सेना ने संभाला मोर्चा
शुक्रवार शाम ओडिशा के बालासोर जिले में एक दर्दनाक रेल हादसा हुआ. इस हादसे में अब तक 288 लोग अपनी जांव गंवा चुके हैं. वहीं हादसे में 803 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी खबर है. आइए इन तस्वीरों में देखते हैं कि सुरक्षाकर्मी, एनडीआरएफ समेत स्थानीय लोग कैसे तलाशी और बचाव कार्य में एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं.
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बालासोर जिले में कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के पटरी से उतरने के बाद से एनडीआरएफ की टीम द्वारा घटनास्थल पर तलाशी और बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है. (फोटो: पीटीआई)
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कोरोमंडल, बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने के बाद स्थानीय लोगों ने तलाशी और बचाव अभियान में एनडीआरएफ और सुरक्षकर्मियों की मदद की. (फोटो: पीटीआई)
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इस भयंकर रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत की खबर है, वहीं 803 से ज़्यादा लोग घायल बाताए जा रहे हैं. हादसे के बाद से ही स्थानीय लोग ट्रेन में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटे हुए हैं. (फोटो: पीटीआई)
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इस भयानक ट्रेन हादसे के बाद एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर हादसे के बाद से ही मौजूद है. एनडीआरएफ की टीम का ट्रेन में फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करने का अभियान जारी है. (फोटो: पीटीआई)
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ट्रेन दुर्घटना में घायल हुए लोगों को रक्तदान करने के लिए कई लोग कतार में खड़े नज़र आए. इस दौरान हर कोई लोगों की मदद करने के लिए सामने आया. (फोटो: एएनआई)
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तीन ट्रेनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर एक विशेष हेल्प डेस्क तैयार किया गया, जिसके ज़रिए रेलवे अधिकारी लोगों की मदद कर रहे हैं. (फोटो: एएनआई)
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तीन ट्रेनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद हावड़ा रेलवे स्टेशन पर एक हेल्प डेस्क बनाया गया है. जहां स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों का चेकअप कर उनकी मदद कर रहे हैं. (फोटो: पीटीआई)
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भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर हेल्प डेस्क के टीटीई प्रभारी यात्रियों को ओडिशा के बालासोर जिले में हादसे के कारण ट्रेन रद्द होने और डायवर्जन के बारे में जानकारी देते हुए. (फोटो: एएनआई)
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एनडीआरएफ की टीम डॉग स्क्वाड के साथ घटनास्थल पर तलाशी अभियान करती हुई नज़र आई. (फोटो: एएनआई)
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सेना के साथ-साथ घटनास्थल पर राहत एवं बचाव के काम में भुवनेश्वर नगर निगम की टीम भी जुटी हुई है. इस दौरान बीएमसी की रेस्क्यू टीम ने लोगों से बातचीत कर उनकी मदद की.
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भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से उन यात्रियों को बीएमसी के एसयूएच में आश्रय दिया गया जो होटल या लॉज का खर्च नहीं उठा सकते.
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