निपाह वायरस के बारे में ये बातें आपको जरूर जाननी चाहिए

निपाह वायरस इंफेक्‍शन एक ज़ूनोटिक बीमारी है और इसके कारण होने वाली बीमारियां एसिम्प्टोमैटिक इंफेक्‍शन से लेकर एक्‍यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्‍शन, सीज्यूर और ब्रेन में सूजन तक हो सकती हैं.

  • सितंबर में केरल में निपाह वायरस (एनआईवी) इंफेक्‍शन बढ़ रहा है, तीन मरीजों की इंफेक्‍शन से मौत हो गई, जबकि दो का हाल ही में पॉजिटिव पाया गया है.
    सितंबर में केरल में निपाह वायरस (एनआईवी) इंफेक्‍शन बढ़ रहा है, तीन मरीजों की इंफेक्‍शन से मौत हो गई, जबकि दो का हाल ही में पॉजिटिव पाया गया है.
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  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, निपाह वायरस इंफेक्‍शन जानवरों से, दूषित भोजन के माध्यम से या सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है.
    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, निपाह वायरस इंफेक्‍शन जानवरों से, दूषित भोजन के माध्यम से या सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है.
  • यह वायरस चमगादड़ में होता है. इसके कारण होने वाली बीमारियां एसिम्प्टोमैटिक इंफेक्‍शन से लेकर एक्‍यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्‍शन, सीज्यूर और ब्रेन में सूजन तक हो सकती हैं.
    यह वायरस चमगादड़ में होता है. इसके कारण होने वाली बीमारियां एसिम्प्टोमैटिक इंफेक्‍शन से लेकर एक्‍यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्‍शन, सीज्यूर और ब्रेन में सूजन तक हो सकती हैं.
  • यूएन हेल्‍थ एजेंसी के अनुसार, निपाह वायरस इंफेक्‍शन के लक्षणों में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, बुखार, चक्कर आना और मतली शामिल हैं.
    यूएन हेल्‍थ एजेंसी के अनुसार, निपाह वायरस इंफेक्‍शन के लक्षणों में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, बुखार, चक्कर आना और मतली शामिल हैं.
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  • ह्यूमन बॉडी में निपाह वायरस इंफेक्‍शन चार से 14 दिनों तक रहता है, लेकिन कई लोगों में यह 45 दिनों तक भी रह चुका है.
    ह्यूमन बॉडी में निपाह वायरस इंफेक्‍शन चार से 14 दिनों तक रहता है, लेकिन कई लोगों में यह 45 दिनों तक भी रह चुका है.
  • अभी तक, ऐसी कोई दवा या टीका नहीं है जो स्‍पेशली निपाह वायरस इंफेक्‍शन को टारगेट करती हो. हालांकि, कोई भी खुद को इंफेक्‍शन से बचाने के लिए निवारक उपाय कर सकता है.
    अभी तक, ऐसी कोई दवा या टीका नहीं है जो स्‍पेशली निपाह वायरस इंफेक्‍शन को टारगेट करती हो. हालांकि, कोई भी खुद को इंफेक्‍शन से बचाने के लिए निवारक उपाय कर सकता है.
  • WHO के अनुसार, बीमार सूअरों और चमगादड़ों, बासी या दूषित खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से आने से बचना चाहिए. इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति के ब्‍लड और बॉडी फ्लूइड से दूर रहना चाहिए. बार-बार हाथ धोना भी इस दौरान जरूरी है.
    WHO के अनुसार, बीमार सूअरों और चमगादड़ों, बासी या दूषित खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से आने से बचना चाहिए. इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति के ब्‍लड और बॉडी फ्लूइड से दूर रहना चाहिए. बार-बार हाथ धोना भी इस दौरान जरूरी है.
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