मानसून इंफेक्‍शन: जानें इसके कारण और रोकथाम के बारे में सब कुछ

मानसून के दौरान अक्सर डेंगू, मलेरिया और कंजंक्टिवाइटिस के मामले सामने आते हैं. इस वर्ष, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विशेष रूप से अत्यधिक भारी वर्षा के कारण जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है और डेंगू और कंजंक्टिवाइटिस फैल गया. लेकिन हम मानसून के दौरान इंफेक्‍शन का सामना क्यों करते हैं? और, अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? इसके बारे में सब कुछ जानने के लिए टीम बनेगा स्वस्थ इंडिया ने हिंदुजा अस्पताल, मुंबई में पी.डी. के सलाहकार पल्मोनोलॉजिस्ट और महामारी विशेषज्ञ डॉ. लैंसलॉट पिंटो से बातचीत की.

  • वायुजनित संक्रमण जैसे इन्फ्लूएंजा, वायरल रेस्पिरेटरी ट्रेक इंफेक्‍शन, पानी और खाद्य जनित रोग जैसे टाइफाइड और कीट जनित रोग जैसे मलेरिया और डेंगू, मानसून के मौसम में बढ़ जाते हैं. डॉ. लैंसलॉट पिंटो ने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि मानसून के दौरान कम तापमान वायरस के विकास और रेप्लिकेशन को बढ़ावा देता है.
    वायुजनित संक्रमण जैसे इन्फ्लूएंजा, वायरल रेस्पिरेटरी ट्रेक इंफेक्‍शन, पानी और खाद्य जनित रोग जैसे टाइफाइड और कीट जनित रोग जैसे मलेरिया और डेंगू, मानसून के मौसम में बढ़ जाते हैं. डॉ. लैंसलॉट पिंटो ने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि मानसून के दौरान कम तापमान वायरस के विकास और रेप्लिकेशन को बढ़ावा देता है.
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  • इसके अलावा, बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण लोग घर के अंदर ही रहते हैं. भीड़-भाड़ वाले और खराब हवादार स्थान रेस्पिरेटरी ट्रेक के इंफेक्‍शन को फैलने में सक्षम बना सकते हैं.
    इसके अलावा, बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण लोग घर के अंदर ही रहते हैं. भीड़-भाड़ वाले और खराब हवादार स्थान रेस्पिरेटरी ट्रेक के इंफेक्‍शन को फैलने में सक्षम बना सकते हैं.
  • मानसून या बाढ़ का पानी अक्सर पानी और खाद्य स्रोतों के दूषित होने का कारण बनता है. इसके परिणामस्वरूप भोजन और जल-जनित बीमारियां होती हैं. बाढ़ के दौरान ऐसे गंदे पानी में चलने से लेप्टोस्पायरोसिस जैसे जीवाणु संक्रमण हो सकता है.
    मानसून या बाढ़ का पानी अक्सर पानी और खाद्य स्रोतों के दूषित होने का कारण बनता है. इसके परिणामस्वरूप भोजन और जल-जनित बीमारियां होती हैं. बाढ़ के दौरान ऐसे गंदे पानी में चलने से लेप्टोस्पायरोसिस जैसे जीवाणु संक्रमण हो सकता है.
  • डॉ. पिंटो ने कहा कि गंदे पानी या रुका हुआ पानी मच्छरों और मक्खियों के पैदा होने का कारण बनता है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी कीट-जनित बीमारियों में वृद्धि हो सकती है.
    डॉ. पिंटो ने कहा कि गंदे पानी या रुका हुआ पानी मच्छरों और मक्खियों के पैदा होने का कारण बनता है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी कीट-जनित बीमारियों में वृद्धि हो सकती है.
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  • लेकिन, सिंपल टिप्‍स अपनाकर आप ऐसे इंफेक्‍शन और बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं. अपने आसपास पानी जमा न होने दें. फ्यूमिगेशन भी एक कारगर उपाय है. बाहर जाते समय या यहां तक कि घर पर भी, यदि मच्छरों के संपर्क में आएं, तो हमेशा मच्छर भगाने वाली क्रीम यूज करें.
    लेकिन, सिंपल टिप्‍स अपनाकर आप ऐसे इंफेक्‍शन और बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं. अपने आसपास पानी जमा न होने दें. फ्यूमिगेशन भी एक कारगर उपाय है. बाहर जाते समय या यहां तक कि घर पर भी, यदि मच्छरों के संपर्क में आएं, तो हमेशा मच्छर भगाने वाली क्रीम यूज करें.
  • जिन लोगों को बीमारी होने का खतरा अधिक है या जिनकी इम्‍यूनिटी कमजोर है, उन्हें इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती है. इंफेक्‍शन फैलने से बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति को मास्क पहनना चाहिए. भीड़-भाड़ वाली जगहों पर N95 मास्क पहनें.
    जिन लोगों को बीमारी होने का खतरा अधिक है या जिनकी इम्‍यूनिटी कमजोर है, उन्हें इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती है. इंफेक्‍शन फैलने से बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति को मास्क पहनना चाहिए. भीड़-भाड़ वाली जगहों पर N95 मास्क पहनें.
  • अच्छी क्‍वालिटी वाले फ्रेश फूड और पानी पीएं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि पानी पीने के लिए सही है या नहीं, पानी को यूवी फ़िल्टर किया जाना चाहिए. यदि आपके पास यूवी फिल्टर नहीं है तो पानी हमेशा उबालकर पीएं. खाने से होने वाली और सांस संबंधी बीमारियों से बचने के लिए नियमित रूप से अपने हाथ धोएं.
    अच्छी क्‍वालिटी वाले फ्रेश फूड और पानी पीएं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि पानी पीने के लिए सही है या नहीं, पानी को यूवी फ़िल्टर किया जाना चाहिए. यदि आपके पास यूवी फिल्टर नहीं है तो पानी हमेशा उबालकर पीएं. खाने से होने वाली और सांस संबंधी बीमारियों से बचने के लिए नियमित रूप से अपने हाथ धोएं.
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  • यदि आपको बुखार हो जाता है, खासकर तब जब आप पानी के संपर्क में आएं हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्‍टर से सलाह लें.
    यदि आपको बुखार हो जाता है, खासकर तब जब आप पानी के संपर्क में आएं हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्‍टर से सलाह लें.