'One Nation, One Election' पर सरकार की मुहर, Photos के जरिए जानिए कैसे बदल जाएगा वोटिंग का पूरा सीन?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी मिली.
Sep 18, 2024 17:20 IST
-
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट ने रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दी है.
-
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर एक कमेटी बनाई थी, इस कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया था.
-
इसमें सुझाव दिए गए हैं कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने चाहिए. इसके अलावा समिति ने सिफारिश की है कि निकाय चुनाव को भी लोकसभा और राज्य विधानसभा के संपन्न होने के बाद जल्द ही कराया जाए.
-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान पहले 'वन नेशन वन इलेक्शन' नीति को लागू करने की तैयारी कर रही है.
-
बताया जा रहा है कि रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को पहले ही सौंप दी थी.
-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए 'वन नेशन वन इलेक्शन' का जिक्र किया था.
-
पीएम मोदी ने कहा था, "वन नेशन वन इलेक्शन के लिए देश को आगे आना होगा. बार-बार आने वाले चुनाव इस देश की प्रगति में रुकावट उत्पन्न करते हैं. आज किसी भी योजना को चुनाव के साथ जोड़ना आसान हो गया है, क्योंकि हर तीन या छह महीने बाद चुनाव होते हैं. हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है. इसलिए देश ने व्यापक चर्चा की है."
-
PM मोदी ने कहा था, "सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे हैं. मैं लाल किले से तिरंगे को साक्षी रखते हुए देश के राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं. संविधान को समझने वाले लोगों से आग्रह करता हूं कि भारत की तरक्की के लिए, भारत के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग जन सामान्य के लिए हो सके, इसके लिए 'वन नेशन वन इलेक्शन' के लिए हमें आगे आना चाहिए."
-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी मिली. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद मीडिया को यह जानकारी दी. कोविंद समिति का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था. समिति ने 191 दिन तक राजनीतिक दलों तथा विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद 18,626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी.
-
आठ सदस्यीय समिति ने आम लोगों से भी राय आमंत्रित की थी. आम लोगों की तरफ से 21,558 सुझाव मिले. इसके अलावा 47 राजनीतिक दलों ने भी अपने राय और सुझाव दिए, जिनमें 32 ने इसका समर्थन किया था. कुल 80 प्रतिशत सुझाव 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के पक्ष में आए थे. समिति ने देश के प्रमुख उद्योग संगठनों और अर्थशास्त्रियों के भी सुझाव लिए थे.
-
'वन नेशन, वन इलेक्शन' के बारे में चर्चा सबसे पहले 1999 में शुरू हुई, जब विधि आयोग ने अपनी 170वीं रिपोर्ट में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव हर पांच साल पर एक साथ कराने का सुझाव दिया। इसके बाद कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय पर संसदीय की स्थायी समिति ने 2015 में अपनी 79वीं रिपोर्ट में दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी.
-
कोविंद समिति ने भी दो चरणों में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का सुझाव दिया है. समिति ने कहा है कि पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने का प्रस्ताव है, जबकि दूसरे चरण में उसके 100 दिन के भीतर स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का प्रस्ताव है.
-
'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लागू करने के लिए एक क्रियान्वयन समूह का गठन किया जाएगा. क्रियान्वयन समूह भी मंत्रिमंडल द्वारा पारित सिफारिशों पर राजनीतिक दलों तथा अन्य हितधारकों से रायशुमारी करेगा. उसके बाद इसके लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा.
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement