Photos: महाकुंभ में नागा संन्यासियों के आनंद अखाड़े का भव्य छावनी प्रवेश
महाकुंभ-2025 के दिव्य-भव्य आयोजन में सभी अखाड़े तिथि और परंपरा अनुसार महाकुंभ मेला क्षेत्र में छावनी प्रवेश कर रहे हैं. इसी क्रम में भगवान सूर्य को अपना इष्ट देव मानने वाले श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े ने परंपरा अनुसार महाकुंभ में छावनी प्रवेश किया.
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शैव परंपरा के श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े ने हाथी, घोड़ों, रथ, ऊंट पर सवार नागा संन्यासियों, आचार्य, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर ने बाजे-गाजे के साथ मेला क्षेत्र में प्रवेश किया.
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संगम क्षेत्र में छावनी यात्रा के दौरान मेला प्रशासन के अधिकारियों ने अखाड़े के साधु-संन्यासियों और मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर का स्वागत और अभिनंदन किया.
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आनंद अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा मठ बाघम्बरी गद्दी से निकलकर भारद्वाज पुरम के लेबर चौराहे से मटियारोड होते हुए अलोपी देवी चौराहे पहुंची. अलोपी देवी से छावनी प्रवेश यात्रा दशाश्वमेध घाट से मुड़कर शास्त्री ब्रिज के नीचे से होते हुए संगम क्षेत्र में प्रवेश कर गई.
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आनंद अखाड़े की भव्य शोभा यात्रा में बाजे-गाजे के साथ सबसे आगे धर्म ध्वजा चल रही थी.
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आनंद अखाड़े की भव्य शोभा यात्रा में बाजे-गाजे के साथ सबसे आगे धर्म ध्वजा चल रही थी.
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नागा संन्यासियों की टोली हाथों में भाले, बरछी, तलवार लेकर इष्ट देव भगवान सूर्य का विग्रह लेकर चल रहे थे.
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आनंद अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा मठ बाघम्बरी गद्दी से निकलकर भारद्वाज पुरम के लेबर चौराहे से मटियारोड होते हुए अलोपी देवी चौराहे पहुंची. अलोपी देवी से छावनी प्रवेश यात्रा दशाश्वमेध घाट से मुड़कर शास्त्री ब्रिज के नीचे से होते हुए संगम क्षेत्र में प्रवेश कर गई.
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आनंद अखाड़े की भव्य शोभा यात्रा में बाजे-गाजे के साथ सबसे आगे धर्म ध्वजा चल रही थी.
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शैव परंपरा के श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े ने हाथी, घोड़ों, रथ, ऊंट पर सवार नागा संन्यासियों, आचार्य, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर ने बाजे-गाजे के साथ मेला क्षेत्र में प्रवेश किया.
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छावनी यात्रा का जगह-जगह नगरवासियों और नगर प्रशासन ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया.
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