लालकृष्ण आड़वाणी को मिलेगा भारत रत्न, जानें उनके जीवन के महत्वपूर्ण क्षण

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है. इसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है.

  • लालकृष्ण आडवाणी न सिर्फ बीजेपी के दिग्गज नेता हैं बल्कि पार्टी के मजबूत स्तंभ भी हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई है. फोटो: एनडीटीवी
    लालकृष्ण आडवाणी न सिर्फ बीजेपी के दिग्गज नेता हैं बल्कि पार्टी के मजबूत स्तंभ भी हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई है. फोटो: एनडीटीवी
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  • लालकृष्ण आड़वाणी की गिनती बीजेपी के दिग्गज नेताओं में की जाती है. उनका जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था. फोटो: एनडीटीवी
    लालकृष्ण आड़वाणी की गिनती बीजेपी के दिग्गज नेताओं में की जाती है. उनका जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था. फोटो: एनडीटीवी
  • भाजपा का कहना है कि उनके देशभक्तिपूर्ण आदर्शों ने उन्हें 14 साल की उम्र में भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. फोटो: X@narendramodi
    भाजपा का कहना है कि उनके देशभक्तिपूर्ण आदर्शों ने उन्हें 14 साल की उम्र में भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. फोटो: X@narendramodi
  • लालकृष्ण आडवाणी 1986-90, 1993-98 और 2004-05 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. फोटो: X@narendramodi
    लालकृष्ण आडवाणी 1986-90, 1993-98 और 2004-05 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. फोटो: X@narendramodi
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  • लगभग तीन दशकों के संसदीय करियर में, एलके आडवाणी 1999 से 2004 तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में पहले गृह मंत्री और बाद में उप-प्रधानमंत्री रहे. फोटो: एनडीटीवी
    लगभग तीन दशकों के संसदीय करियर में, एलके आडवाणी 1999 से 2004 तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में पहले गृह मंत्री और बाद में उप-प्रधानमंत्री रहे. फोटो: एनडीटीवी
  • 1980 और 1990 के दशक के उत्तरार्ध में, एलके आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय राजनीतिक ताकत बनाने के एकमात्र कार्य पर ध्यान केंद्रित किया. फोटो: X@narendramodi
    1980 और 1990 के दशक के उत्तरार्ध में, एलके आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय राजनीतिक ताकत बनाने के एकमात्र कार्य पर ध्यान केंद्रित किया. फोटो: X@narendramodi
  • 1992 में पार्टी की स्थिति 121 सीटों तक और 1996 में 161 सीटों तक पहुंच गई, जिससे 1996 का चुनाव भारतीय लोकतंत्र में एक ऐतिहासिक मोड़ बन गया. फोटो: X@narendramodi
    1992 में पार्टी की स्थिति 121 सीटों तक और 1996 में 161 सीटों तक पहुंच गई, जिससे 1996 का चुनाव भारतीय लोकतंत्र में एक ऐतिहासिक मोड़ बन गया. फोटो: X@narendramodi
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  • उनके प्रयासों के नतीजे 1989 के आम चुनाव में रेखांकित हुए, जब पार्टी ने 1984 की अपनी दो सीटों से वापसी करते हुए प्रभावशाली 86 सीटें हासिल कीं. फोटो: bjpgujarat.org
    उनके प्रयासों के नतीजे 1989 के आम चुनाव में रेखांकित हुए, जब पार्टी ने 1984 की अपनी दो सीटों से वापसी करते हुए प्रभावशाली 86 सीटें हासिल कीं. फोटो: bjpgujarat.org
  • 25 सितंबर 1990 को बीजेपी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली थी. फोटो: एनडीटीवी
    25 सितंबर 1990 को बीजेपी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली थी. फोटो: एनडीटीवी
  • इसे याद करते हुए उन्होंने अपने आर्टिकल में लिखा था कि "रथयात्रा को करीब 33 साल पूरे हो चुके हैं. 25 सितंबर, 1990 की सुबह रथयात्रा शुरू करते समय हमें यह नहीं पता था कि प्रभु राम की जिस आस्‍था से प्रेरित होकर यह यात्रा शुरू की जा रही है, वह देश में आंदोलन का रूप ले लेगा." फोटो: एनडीटीवी
    इसे याद करते हुए उन्होंने अपने आर्टिकल में लिखा था कि "रथयात्रा को करीब 33 साल पूरे हो चुके हैं. 25 सितंबर, 1990 की सुबह रथयात्रा शुरू करते समय हमें यह नहीं पता था कि प्रभु राम की जिस आस्‍था से प्रेरित होकर यह यात्रा शुरू की जा रही है, वह देश में आंदोलन का रूप ले लेगा." फोटो: एनडीटीवी
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