कोलकाता के बेस्ट 5 स्ट्रीट फूड, जिन्हें एक बार जरूर ट्राई करना चाहिए

बात जब खान पान की आती है तो कोलकाता का स्ट्रीट फूड की गिनती सबसे पहले नंबर पर आती है. कोलकाता की सड़कों के किनारे मिलने वाला देसी स्ट्रीट फूड का मजा ही अलग है. कोलकाता एकमात्र भारतीय शहर है जिसे फूड वेबसाइट ईटर ने दुनिया के बेस्ट फूड डेस्टिनेशन की लिस्ट में शामिल किया है, जिसे हर फूड लवर को साल 2023 में एक बार जरूर आजमाना चाहिए. तो आज हम आपको बताएंगे कोलकाता के कुछ ऐसे ही स्ट्रीट फूड की लिस्ट जिसे एक बार ट्राई जरूर करना चाहिए.

  • आज लगभग हर शहर में हमें एक रोल की दुकान मिल ही जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं, इस रोल की जड़ें कोलकाता से जुड़ी हुई हैं. रोल (विशेष रूप से काठी रोल) का आविष्कार 20वीं शताब्दी के पहले हुआ था. काठी रोल मूल रूप से कटार (कबाब) पर ग्रिल किए गए चिकन के टुकड़ों को मैदे के पराठे के अंदर भरकर बनाया जाता है.
    आज लगभग हर शहर में हमें एक रोल की दुकान मिल ही जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं, इस रोल की जड़ें कोलकाता से जुड़ी हुई हैं. रोल (विशेष रूप से काठी रोल) का आविष्कार 20वीं शताब्दी के पहले हुआ था. काठी रोल मूल रूप से कटार (कबाब) पर ग्रिल किए गए चिकन के टुकड़ों को मैदे के पराठे के अंदर भरकर बनाया जाता है.
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  • बंगाल की शाम तेलेभाजा के बिना अधूरी है. तेले भाजा मूल रूप से बंगाली शैली का पकौड़ा है जिसे आलू, प्याज़, बैंगन, मछली, चिकन, मटन आदि से बनाया जाता है. तेले भाजा आपको शहर के हर नुक्कड़ पर जरूर मिल जाएगा.
    बंगाल की शाम तेलेभाजा के बिना अधूरी है. तेले भाजा मूल रूप से बंगाली शैली का पकौड़ा है जिसे आलू, प्याज़, बैंगन, मछली, चिकन, मटन आदि से बनाया जाता है. तेले भाजा आपको शहर के हर नुक्कड़ पर जरूर मिल जाएगा.
  • बिरयानी तो सारी ही लाजवाब होती हैं लेकिन कोलकाता की बिरयानी की बात ही कुछ और है. वहीं कि बिरयानी आलू और अंडे के बिना अधूरी मानी जाती है और यही चीज इस बिरयानी को खास बनाती है. कोलकाता में बिरयानी कम मसालेदार होती है और इसे बिना सालन या रायते के खाया जाता है.
    बिरयानी तो सारी ही लाजवाब होती हैं लेकिन कोलकाता की बिरयानी की बात ही कुछ और है. वहीं कि बिरयानी आलू और अंडे के बिना अधूरी मानी जाती है और यही चीज इस बिरयानी को खास बनाती है. कोलकाता में बिरयानी कम मसालेदार होती है और इसे बिना सालन या रायते के खाया जाता है.
  • जिस इंडो-चाइनीज व्यंजन का हम देश भर में आनंद लेते हैं, उसका जन्मस्थान भी कोलकाता है. इंडियन चाइनीज भोजन का इतिहास हक्का चीनी व्यापारियों से मिलता है, जो 1700 के अंत में शहर में बस गए थे. कोलकाता (तब कलकत्ता) भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की राजधानी थी.
    जिस इंडो-चाइनीज व्यंजन का हम देश भर में आनंद लेते हैं, उसका जन्मस्थान भी कोलकाता है. इंडियन चाइनीज भोजन का इतिहास हक्का चीनी व्यापारियों से मिलता है, जो 1700 के अंत में शहर में बस गए थे. कोलकाता (तब कलकत्ता) भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की राजधानी थी.
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  • कुछ स्ट्रीट फूड खाए बिना कोई भी फूड ट्रेल पूरा नहीं लगता और खाने की शुरूआत करने के लिए पुचका से बेहतर क्या हो सकता है? बंगाली गोलगप्पे और पानीपुरी की फिलिंग करने के लिए, आलू में कई मसालों, स्प्राउट्स और इमली के पानी को मिलाया जाता है.
    कुछ स्ट्रीट फूड खाए बिना कोई भी फूड ट्रेल पूरा नहीं लगता और खाने की शुरूआत करने के लिए पुचका से बेहतर क्या हो सकता है? बंगाली गोलगप्पे और पानीपुरी की फिलिंग करने के लिए, आलू में कई मसालों, स्प्राउट्स और इमली के पानी को मिलाया जाता है.