जानें अपने आहार में बाजरा को शामिल करने के अद्भुत लाभ

एक्सपर्ट द्वारा बाजरा को उसके हाई न्यूट्रिशनल वेल्यू के कारण सुपरफूड के रूप में जाना जाता है.

  • भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का कहना है कि बाजरा में शामिल हैं:

7-12 प्रतिशत प्रोटीन

2-5 प्रतिशत वसा

65-75 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट

15-20 प्रतिशत आहार फाइबर
    भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का कहना है कि बाजरा में शामिल हैं: 7-12 प्रतिशत प्रोटीन 2-5 प्रतिशत वसा 65-75 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट 15-20 प्रतिशत आहार फाइबर
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  • FSSAI ने यह भी कहा कि बाजरा में मौजूद आवश्यक अमीनो एसिड कई फसलों की तुलना में बेहतर है और यह ओवरऑल हेल्थ को लाभ पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है.
    FSSAI ने यह भी कहा कि बाजरा में मौजूद आवश्यक अमीनो एसिड कई फसलों की तुलना में बेहतर है और यह ओवरऑल हेल्थ को लाभ पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है.
  • FSSAI का यह भी कहना है कि बाजरा खाने से हृदय रोगों से लड़ने में मदद मिलती है क्योंकि बाजरा के सेवन से ट्राइग्लिसराइड्स कम हो जाता है. इसमें कहा गया है कि बाजरा टाइप 2 डायबिटीज को रोकने और ब्लक प्रेशर को कम करने के लिए भी जाना जाता है.
    FSSAI का यह भी कहना है कि बाजरा खाने से हृदय रोगों से लड़ने में मदद मिलती है क्योंकि बाजरा के सेवन से ट्राइग्लिसराइड्स कम हो जाता है. इसमें कहा गया है कि बाजरा टाइप 2 डायबिटीज को रोकने और ब्लक प्रेशर को कम करने के लिए भी जाना जाता है.
  • अपने आहार में बाजरा को शामिल करने के लाभों को दोहराते हुए, भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान बताता है कि बाजरा में मौजूद फाइबर ब्लड में 'खराब' कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने में मदद करता है और हृदय की रक्षा करने में मदद करता है.
    अपने आहार में बाजरा को शामिल करने के लाभों को दोहराते हुए, भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान बताता है कि बाजरा में मौजूद फाइबर ब्लड में 'खराब' कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने में मदद करता है और हृदय की रक्षा करने में मदद करता है.
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  • डॉ. हेमा दिवाकर, जो कि मातृ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में टेक्निकल एडवाइजर, दिवाकर स्पेशलिटी अस्पताल में मेडिकल डायरेक्टर, एफओजीएसआई के पूर्व प्रेसिंडेंट हैं, उन्होंने भारत में कुपोषण और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने में बाजरा कैसे मदद कर सकता है, इस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, 'भारत में वर्तमान में कुपोषण, मोटापा और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी का तीन गुना बोझ है और डायबिटीज की सुनामी भी है. अगर चावल/गेहूं जैसे मुख्य भोजन की जगह स्थानीय रूप से उगाए गए रागी, बाजरा, ज्वार जैसे भोजन को अपनाया जाए, तो हमें एनीमिया से बचने के लिए जरूरी आयरन मिलेगा. इसके अलावा हड्डियों को मजबूत करने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम भी मिलेगा.
    डॉ. हेमा दिवाकर, जो कि मातृ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में टेक्निकल एडवाइजर, दिवाकर स्पेशलिटी अस्पताल में मेडिकल डायरेक्टर, एफओजीएसआई के पूर्व प्रेसिंडेंट हैं, उन्होंने भारत में कुपोषण और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने में बाजरा कैसे मदद कर सकता है, इस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, 'भारत में वर्तमान में कुपोषण, मोटापा और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी का तीन गुना बोझ है और डायबिटीज की सुनामी भी है. अगर चावल/गेहूं जैसे मुख्य भोजन की जगह स्थानीय रूप से उगाए गए रागी, बाजरा, ज्वार जैसे भोजन को अपनाया जाए, तो हमें एनीमिया से बचने के लिए जरूरी आयरन मिलेगा. इसके अलावा हड्डियों को मजबूत करने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम भी मिलेगा.
  • प्रोटीन कुपोषण दूर करने के लिए बड़ी मात्रा में प्रोटीन लेनी चाहिए. फाइबर की अच्छी मात्रा मोटापा कम करने में मदद करती है. यह वजन कम करने के कार्यक्रम का एक हिस्सा है. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स डायबिटीज को रोकने में मदद करता है. इस प्रकार तीन या इससे अधिक बीमारियों से निपटा जा सकता है.
    प्रोटीन कुपोषण दूर करने के लिए बड़ी मात्रा में प्रोटीन लेनी चाहिए. फाइबर की अच्छी मात्रा मोटापा कम करने में मदद करती है. यह वजन कम करने के कार्यक्रम का एक हिस्सा है. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स डायबिटीज को रोकने में मदद करता है. इस प्रकार तीन या इससे अधिक बीमारियों से निपटा जा सकता है.