हरतालिका तीज नाम रखने की वजह और महत्व क्या है जानिए यहां
पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला व्रत हरतालिका तीज के नाम के पीछे क्या वजह है और इस उपवास का महत्व क्या है जानिए यहां विस्तार से.
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मान्यता के अनुसार इस दिन को ‘हरतालिका' इसलिए कहते हैं कि पार्वती की सहेली उनका हरण कर घनघोर जंगल में ले गई थी. ‘हरत' अर्थात हरण करना और ‘आलिका' अर्थात सहेली. (फोटो क्रेडिट : पिक्सल)
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सुहागिनों का महापर्व हरतालिका तीज भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाया जाता है. (फोटो क्रेडिट : पिक्सल)
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हस्त नक्षत्र में होने वाला यह व्रत सुहागिनें पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. (फोटो क्रेडिट : पिक्सल)
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ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव सुहागिनों को अटल सुहाग का वरदान देते हैं. (फोटो क्रेडिट : पिक्सल)
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महिलाएं मानती हैं कि इस दिन व्रत रखने से उनका सौभाग्य बना रहेगा. यह पर्व देवी पार्वती और उनकी सखी के बीच प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है.(फोटो क्रेडिट : पिक्सल)
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इस साल हरतालिका तीज का व्रत 06 सितंबर को रखा जाएगा. (फोटो क्रेडिट : पिक्सल)
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