तस्वीरों में जयललिता का 'जया' से 'अम्मा' तक का सफर
पढ़िए कैसे रहा जयललिता का ''जया से अम्मा'' का सफर...
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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में 5 दिसंबर, 2016 को निधन हो गया. 68 साल की जयललिता 22 सितंबर से अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं.
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जयललिता का जन्म एक तमिल आयंगर परिवार में 24 फरवरी, 1948 को हुआ.
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जयललिता ने बैंगलोर में बिशॉप कॉटन गर्ल्स हाई स्कूल से अपनी स्कूलिंग शुरू की.
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जयललिता के पिता का तब निधन हो गया था, जब वे केवल दो वर्ष की थीं. बाद में उनकी मां ने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया और अपना फिल्मी नाम संध्या रख लिया.
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जयललिता ने 15 वर्ष की आयु में कन्नड़ फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया.
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इसके बाद वे तमिल फिल्मों में काम करने लगीं.
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उनकी पहली कन्नड़ फिल्म चिन्नड़ा गोम्बे जबरदस्त हिट रही थी.
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जब जयललिता स्कूल में ही पढ़ रही थीं तभी उन्होंने 'एपिसल' नाम की अंग्रेजी फिल्म में काम किया.
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जी कृष्णा की फिल्म गुडाचारी 116 से जयललिता फिल्म जगत में छा गईं.
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जयललिता ने तेलुगू फिल्म में भी काम किया.
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जयललिता ने तमिल सुपरस्टार एमजी रामचंद्रन के साथ कई फिल्में कीं. एमजी रामचंद्रन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने.
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जयललिता ने बॉलीवुड सुपरस्टार धर्मेन्द्र के साथ भी काम किया.
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सफल फिल्मी करियर के बाद जयललिता ने 1980 में इस इंडस्ट्री से संन्यास ले लिया.
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जयललिता ने अपनी फिल्मों में कई गाने भी गाए.
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कला और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें 1972 में तमिलनाडु सरकार ने सम्मानित भी किया.
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जयललिता को भरतनाट्यम, मोहिनी अट्टम, कथक और मणिपुरी नृत्यों में महारत हासिल थी.
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जयललिता किताब पढ़ने की शौकीन थीं.
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वह स्टूडियो भी अपने साथ किताब लेकर जाया करती थीं. उनके घर में एक बड़ी लाइब्रेरी भी थी.
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कहा जाता है कि एमजी रामचंद्रन ने ही जयललिता को राजनीति से परिचित कराया था.
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वर्ष 1987 में रामचंद्रन का निधन हो गया और इसके बाद अन्नाद्रमुक दो धड़ों में बंट गई. एक धड़े की नेता एमजीआर की विधवा जानकी रामचंद्रन थीं और दूसरे की जयललिता. लेकिन जानकी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. और फिर जयललिता ने पार्टी की कमान संभाली.
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वर्ष 1989 में उनकी पार्टी ने राज्य विधानसभा में 27 सीटें जीत लीं और वे पहली निर्वाचित नेता प्रतिपक्ष बनीं.
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जयललिता तेजी के साथ तमिलनाडु की राजनीति में अपना कद बढ़ाती जा रही थीं.
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वर्ष 1991 में वे राजीव गांधी की हत्या के बाद राज्य में हुए चुनावों में उनकी पार्टी ने कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ा और सरकार बनाई. वे 24 जून, 1991 से 12 मई तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं.
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और उसके बाद जया ने पीछे मुढ़कर नहीं देखा.
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1996 में जयललिता सत्ता से बाहर हो गईं. हालांकि 2001 में वह विशाल बहुमत के साथ सत्ता में वापस आईं.
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वह भ्रष्टाचार के मामलों में फंसी और कोर्ट से उन्हें सजा भी मिली.
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वर्ष 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
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उनके समर्थक उन्हें अम्मा और पुरातची तलाईवी (क्रांतिकारी नेता) भी कहकर बुलाते थे.
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जयललिता ने ऐसी कई कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं जिससे गरीब जनता के बीच काफी लोकप्रिय हो गईं.
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उनके समर्थक उन्हें अम्मा और पुरातची तलाईवी (क्रांतिकारी नेता) भी कहकर बुलाते थे.
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जयललिता के ठिकानों पर छापेमारी के बाद पुलिस ने 10 हजार साड़ियां और 750 सैंडल-जूतियां मिलने का दावा किया था.
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राजनीतिक क्षेत्र में डीएमके नेता करुणानिधि से जयललिता का कांटे का मुकाबला रहा.
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श्रीलंकाई राष्ट्रपति के साथ जयललिता
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सितंबर, 2014 में जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराया गया.
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11 मई, 2015 को जयललिता को बरी कर दिया गया. फैसले के बाद सर्मथकों ने जमकर जश्न मनाया.
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तमिलनाडु के राज्यपाल के. रौसेया ने फिर से तमिलनाडु का सीएम बनने के लिए जयललिता को न्योता दिया. 23 मई, 2016 को जयललिता ने शपथ ली.
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