बच्चे को कॉन्फिडेंट बनाने के 7 तरीके

नोट - सबसे जरूरी है पैरेंट्स का खुद भी कॉन्फिडेंट बनना, क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो वो देखते हैं.

  • 1. बात सुनें  - जब बच्चा अपनी बात बोले, तो उसे सुनें. बीच में रोके नहीं, इससे वो खुलकर बोलना सीखता है.
    1. बात सुनें - जब बच्चा अपनी बात बोले, तो उसे सुनें. बीच में रोके नहीं, इससे वो खुलकर बोलना सीखता है.
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  • 2. जिम्मेदारियां दें - बच्चों को उम्र के हिसाब से छोटी-मोटी जिम्मेदारियां दें, जैसे खिलौने समेटना, बैग तैयार करना या अपने कपड़े रखना.
    2. जिम्मेदारियां दें - बच्चों को उम्र के हिसाब से छोटी-मोटी जिम्मेदारियां दें, जैसे खिलौने समेटना, बैग तैयार करना या अपने कपड़े रखना.
  • 3. डांटे नहीं - बच्चे गलती करते हैं, क्योंकि वो सीख रहे हैं. इसीलिए उन पर चिल्लाएं या डांटे नहीं बल्कि सही-गलत समझाएं.
    3. डांटे नहीं - बच्चे गलती करते हैं, क्योंकि वो सीख रहे हैं. इसीलिए उन पर चिल्लाएं या डांटे नहीं बल्कि सही-गलत समझाएं.
  • 4. तारीफ - बच्चे जब अपना काम करें तो उनकी तारीफ करें. इससे बच्चा मेहनत की अहमियत समझता है.
    4. तारीफ - बच्चे जब अपना काम करें तो उनकी तारीफ करें. इससे बच्चा मेहनत की अहमियत समझता है.
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  • 5. सोशल - डांस, म्यूजिक, स्पोर्ट्स, ड्रॉइंग या कोई भी एक्टिविटी से बच्चे को एक्सप्रेस करना सिखाएं, इससे आत्मविश्वास बढ़ता है.
    5. सोशल - डांस, म्यूजिक, स्पोर्ट्स, ड्रॉइंग या कोई भी एक्टिविटी से बच्चे को एक्सप्रेस करना सिखाएं, इससे आत्मविश्वास बढ़ता है.
  • 6. पब्लिक स्पीकिंग - बच्चों को ग्रुप में बोलने का मौका दें, इससे बच्चे की झिझक खुलती है.
    6. पब्लिक स्पीकिंग - बच्चों को ग्रुप में बोलने का मौका दें, इससे बच्चे की झिझक खुलती है.
  • 7. पसंद-नापसंद - बच्चे की पसंद से काम करें जैसे वो क्या पहनेंगे या क्या पढ़ेंगे. इससे बच्चों का आत्मविश्वास मजबूत होता है.
    7. पसंद-नापसंद - बच्चे की पसंद से काम करें जैसे वो क्या पहनेंगे या क्या पढ़ेंगे. इससे बच्चों का आत्मविश्वास मजबूत होता है.
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  • नोट - सबसे जरूरी है पैरेंट्स का खुद भी कॉन्फिडेंट बनना, क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो वो देखते हैं.
    नोट - सबसे जरूरी है पैरेंट्स का खुद भी कॉन्फिडेंट बनना, क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो वो देखते हैं.