देखें 5 पंडाल जिन्होंने गणेश चतुर्थी में घोला इको फ्रेंडली रंग...
गणेश चतुर्थी को अब लोगों ने इको फ्रेंडली गणेश चतुर्थी के रूप में मनाना शुरू कर दिया है. तो ऐसे में एक नजर उन 5 पंडालों पर, जो इको फ्रेंडली गणेश चतुर्थी को दे रहे हैं और भी खूबसूरत रंग.
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पीओपी की जगह गन्ने से तैयार गणेश प्रतीमा: बेंगलुरु के सत्य साईं ट्रस्ट ने गणपति की प्रतीमा पीओपी की जगह गन्ने से बनाई. इसे तैयार करने में 21 दिन का समय लगा.
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मुंबई में लालबाग के राजा का पंडाल रहा प्लास्टिक फ्री. इसके पीछे कारण था प्लाटिक पॉल्यूशन से बचे रहना.
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मुंबई के राम लेन यूथ क्लब ने हवा और प्लास्टिक पॉल्यूश पर संदेश देते हुए कुछ अलग-सा काम किया. इन बच्चों ने बेकार हो चुकी प्लास्टिक बॉटल्स का इस्तेमाल कर पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का संदेश दिया.
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पुणे में इलेक्ट्रोनिक वेस्ट ड्राइव के पंडाल ने भी लोगों का ध्यान खींचा. यहां श्री कस्बा गणपति मंडाल ने इलेक्ट्रोनिक वेस्ट कलेक्शन ड्राइव चलाई.
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थाने के गणेशोत्सव की थीम थी 'सेव ओशन, स्टॉप रेकलेस प्लास्टिक यूज'. इस तस्वीर को देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितना लुभावना रहा होगा.
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