Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में इतने मौकों पर पदक से चूका भारत, नहीं तो मेडल की संख्या होती 10 के पार
पेरिस ओलंपिक में कई खेलों में भारत चौथे स्थान पर रहा है और ऐसे में भारत के पदकों की उम्मीद जरुर टूटी है. इनमें से कुछ पदक को ऐसे हैं, जो भारत ने मामूली अंतर से गंवाए हैं.
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विनेश फोगाट ने महिलाओं की 50 किग्रा वर्ग के वर्ग के फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रचा था. लेकिन फाइनल मुकाबले के दिन, जब उनका वेट हुआ तो वह 50 किलो से 100 ग्राम अधिक निकला, जिसके चलते उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया. अगर विनेश अयोग्य नहीं होतीं तो भारत को कम से कम रजत पदक मिलता. ऐसे में उनके अयोग्य होने पर भारत के हाथ से एक मेडल फिसल गया. (फोटो: एएफपी)
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भारतीय निशानेबाज मनु भाकर ओलंपिक खेलों में अपना लगातार तीसरा मेडल हासिल करने से मामूली अंतर से चूक गईं थीं. उन्होंने 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 28 का स्कोर किया था और चौथे स्थान पर रहीं थीं. अंतिम राउंड के अंत में भाकर और हंगरी की वेरोनिका मेजर दोनों के 28-28 अंक बराबर थे. लेकिन शूटआउट में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. (फोटो: पीटीआई)
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भारतीय निशानेबाद अर्जुन बबूता पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल फाइनल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे थे. फाइनल में 25 वर्षीय अर्जुन ने शानदार प्रदर्शनकरते हुए 208.4 का स्कोर बनाया था. अर्जुन ने फाइनल की पहली सीरीज में 10.7, 10.2, 10.5, 10.4, 10.6 के शॉट्स लगाए. जबकि दूसरी सीरीज में उन्होंने 10.7, 10.5, 10.4, 10.6, 10.4 के शॉट्स लगाए. अर्जुन फाइनल में अधिकतक समय तक पहले दो स्थानों पर चल रहे थे, लेकिन उनके 13वें शॉट पर 9.9 और उनके 20वें और अंतिम शॉट पर 9.5 के स्कोर ने उन्हें पदक की स्थिति से बाहर कर दिया. (फोटो: पीटीआई)
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तीरंदाज अंकिता और धीरज की जोड़ी ने सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रचा था, लेकिन उन्हें सेमीफाइनल में किम वूजिन और लिम सिहियोन की दक्षिण कोरिया जोड़ी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. इस जोड़ी का सामना ब्रॉन्ज मैडल मैच के लिए अमेरिका के ब्रैडी एलिसन और केसी कॉफहोल्ड से हुआ और भारतीय जोड़ी को कांस्य पदक मैच में 2-6 से हार गई. भारत ने 37-38, 35-37, 38-34, 35-37 से मैच गंवाया. (फोटो: पीटीआई)
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टोक्यो 2020 ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन ऐतिहासिक दूसरे पदक से थोड़ी ही दूर रह गईं. उन्हें महिला 75 किग्रा वर्ग में क्वार्टरफाइनल में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की ली कियान से हार मिली. लवलीना अगर इस मैच में जीत जाती तो सेमीफाइनल में पहुंचती और ऐसे में उनका कम से कम कांस्य पदक पक्का होता. (फोटो: पीटीआई)
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भारत के लक्ष्य सेन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुष एकल के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. लेकिन उन्हें पुरुष एकल बैडमिंटन स्पर्धा के सेमीफाइनल में डेनिश सुपरस्टार विक्टर एक्सेलसेन के खिलाफ सीधे गेम में हार का सामना करना पड़ा. लक्ष्य ने इस मैच में दोनों गेमों में शुरुआती बढ़त बनाई थी. इसके बाद उन्होंने कांस्य पदक के लिए मुकाबला खेला. ब्रॉन्ज मैडल मैच में लक्ष्य सेन को मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा. लक्ष्य सेन को 21-13, 16-21, 11-21 से हार का सामना करना पड़ा. (फोटो: पीटीआई)
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पुरुषों के 71 किग्रा वर्ग में इवेंट में मुक्केबाज निशांत देव को क्वार्टरफाइनल में मैक्सिको के मार्को वर्डे से हार का सामना करना पड़ा. यह मुकाबला काफी विवादित रहा. इस मैच में उनके हारने पर जजों के फैसले पर कई दिग्गजों ने सवाल उठाए. अगर निशांत देव सेमीफाइनल में पहुंचते तो भारत का एक पदक पक्का होगा. (फोटो: पीटीआई)
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भारतीय निशानेबाज महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरुका को पेरिस 2024 ओलंपिक में स्कीट मिश्रित टीम कांस्य पदक मैच में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के जियांग यिटिंग और ल्यू जियानलिन के खिलाफ 43-44 से हार का सामना करना पड़ा. महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरुका क्वालिफिकेशन में चौथे स्थान पर रही थी. भारतीय शूटर्स सिर्फ एक अंक से पदक से चूक गए थे. (फोटो: पीटीआई)
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पेरिस ओलंपिक में भारोत्तोलक मीराबाई चानू से देश को मेडल की उम्मीद थी. मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीता था. लेकिन पेरिस ओलंपिक में मीराबाई चानू 49 किलोग्राम वर्ग में चौथे स्थान पर रहते हुए पदक से चूक गईं. मीराबाई ने स्नैच में 88 और क्लीन एवं जर्क में 111 से कुल 199 किग्रा का वजन उठाया. इससे वह महज एक किलोग्राम से पदक से चूक गईं. इस स्पर्धा का कांस्य पदक थाईलैंड की सुरोदचना खाम्बो ने जीता, जिन्होंने 200 (88 और 112) किलो का वजन उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया. (फोटो: पीटीआई)
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