Diwali Special: इस बार गिफ्ट करें फूलों से बनीं इको फ्रेंडली अगरबत्ती

त्‍योहारी सीजन में हर जगह रौनक देखने को मिल रही है. बाजार और यहां तक की घर भी सज चुके हैं. पर दीवाली न केवल खुशियों का त्‍योहार है बल्कि इस दौरान हमें वातावरण का भी ध्‍यान रखना चाहिए.

  • आप घर सजाने के लिए 'गो ग्रीन' ऑप्‍शन का रूख कर सकते हैं. इको फ्रेंडली दीवाली हमेशा से हर किसी को लाभ देती आई है. तो इस बार घर सजाने के लिए फूलों का इस्‍तेमाल करें.
    आप घर सजाने के लिए 'गो ग्रीन' ऑप्‍शन का रूख कर सकते हैं. इको फ्रेंडली दीवाली हमेशा से हर किसी को लाभ देती आई है. तो इस बार घर सजाने के लिए फूलों का इस्‍तेमाल करें.
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  • कानपुर के HelpUsGreen की शुरूआत दो सहेलियों अंकिता और करण ने 2015 में की थी. अंकिता और करण शहर में 59 मंदिरों और 9 मस्जिदों से रोजाना 3,700 किलोग्राम वेस्‍ट फूल इकट्ठा करते हैं. इससे ये इन्सेन्स स्टिक्स, पैकेजिंग सामग्री और खाद बनाते हैं.
    कानपुर के HelpUsGreen की शुरूआत दो सहेलियों अंकिता और करण ने 2015 में की थी. अंकिता और करण शहर में 59 मंदिरों और 9 मस्जिदों से रोजाना 3,700 किलोग्राम वेस्‍ट फूल इकट्ठा करते हैं. इससे ये इन्सेन्स स्टिक्स, पैकेजिंग सामग्री और खाद बनाते हैं.
  • HelpUsGreen मंदिर से फूल एकत्र करता है और उन्हें कानपुर लाता है. इसके बाद कर्मचारी फूलों से प्लास्टिक और मूर्तियों को अलग करते हैं. सभी फूल धोने के बाद, इन्‍हें सूखने के लिए धूप में रखा जाता है.
    HelpUsGreen मंदिर से फूल एकत्र करता है और उन्हें कानपुर लाता है. इसके बाद कर्मचारी फूलों से प्लास्टिक और मूर्तियों को अलग करते हैं. सभी फूल धोने के बाद, इन्‍हें सूखने के लिए धूप में रखा जाता है.
  • सूखी पंखुड़ियों का पाउडर बनाया जाता है और इसे प्राकृतिक पौधे के रेजिन के साथ मिलाया जाता है. इसके बाद इसकी अगरबत्ती बनाई जाती है. दक्षिण चीन विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, इको फ्रेंडली अगरबत्ती अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाती हैं.
    सूखी पंखुड़ियों का पाउडर बनाया जाता है और इसे प्राकृतिक पौधे के रेजिन के साथ मिलाया जाता है. इसके बाद इसकी अगरबत्ती बनाई जाती है. दक्षिण चीन विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, इको फ्रेंडली अगरबत्ती अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाती हैं.
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  • इन अगरबत्ती को चुनने का एक अन्य कारण गंगा नदी में प्रदूषण है. लाखों लोग अनुष्ठानों और आरती के बाद नदी में फूल बहा देते हैं. फूल सड़ जाते हैं और पानी को दूषित करते हैं. इको फ्रेंडली अगरबत्ती का इस्‍तेमाल करके आप नदी को प्रदूषण से बचा सकते हैं.
    इन अगरबत्ती को चुनने का एक अन्य कारण गंगा नदी में प्रदूषण है. लाखों लोग अनुष्ठानों और आरती के बाद नदी में फूल बहा देते हैं. फूल सड़ जाते हैं और पानी को दूषित करते हैं. इको फ्रेंडली अगरबत्ती का इस्‍तेमाल करके आप नदी को प्रदूषण से बचा सकते हैं.
  • इन अगरबत्ती को HelpUsGreen वेबसाइट से खरीदा जा सकता है. इनकी कीमत 105 रुपए से लेकर 165 रुपए तक हैं.
    इन अगरबत्ती को HelpUsGreen वेबसाइट से खरीदा जा सकता है. इनकी कीमत 105 रुपए से लेकर 165 रुपए तक हैं.