G20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली का Waste-To-Art पार्क, पर्यावरण-अनुकूल कचरा निपटान की दिशा में एक कदम
नई दिल्ली नगर निगम ने ललित कला अकादमी के सहयोग से दिल्ली के चाणक्यपुरी क्षेत्र में कौटिल्य मार्ग पर एक वेस्ट-टू-आर्ट पार्क खोला है. इस पार्क में जी-20 समिट में शामिल देशों के राष्ट्रीय प्रतीकों, जानवरों और पक्षियों की स्क्रैप धातु से बनी 22 मूर्तियां हैं.
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पार्क में जी-20 सदस्य देशों के राष्ट्रीय पक्षियों और जानवरों की मूर्तियां हैं, जो स्क्रैप सामग्री से बनी हैं. प्रत्येक मूर्ति पर देश और उसके राष्ट्रीय पशु-पक्षी के बारे में जानकारी वाली एक प्लेट भी लगी है.
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दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने स्मारक पार्क का उद्घाटन किया, जिसमें स्क्रैप धातु से बनी मूर्तियों के रूप में भाग लेने वाले देशों के राष्ट्रीय पक्षियों और जानवरों की स्टैच्यू शामिल हैं. एलजी सक्सेना ने कहा, "विकास की दिल्ली में बहार आ गई है."
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'वेस्ट-टू-आर्ट' पार्क के प्रवेश द्वार पर भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर की स्थापना की गई है. कलाकारों ने मूर्तियों को बनाने के लिए लोहे की छड़ें, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, धातु की प्लेटें, तार-जाल, रिम, चेन, बॉल बेयरिंग और अन्य स्क्रैप सामग्री का उपयोग किया है.
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अमेरिका का राष्ट्रीय पशु अमेरिकन बाइसन, जिसे अमेरिकन भैंस भी कहा जाता है, वेस्ट-टू-आर्ट पार्क की खूबसूरती बढ़ा रहा है. 9 मई 2016 को अमेरिकी बाइसन को संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रीय पशु नामित किया गया था.
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जी-20 पार्क दक्षिण कोरियाई मैगपाई को भी प्रदर्शित करता है. मैगपाई को कोरियाई में "गाची" कहा जाता है और यह सद्भाव और सौभाग्य का प्रतीक है.
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जर्मनी का राष्ट्रीय पक्षी गोल्डन ईगल भी पार्क में स्थापित मूर्तियों में से एक है. यह जर्मन राज्यत्व और इसकी समृद्ध परंपराओं का प्रतीक है.
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