लिंग पूर्वाग्रह को तोड़ना: दिल्ली में महिलाओं के लिए पिंक एम्बुलेंस सेवा शुरू
महिलाओं द्वारा संचालित और महिलाओं द्वारा प्रबंधित पिंक एम्बुलेंस महिला रोगियों के लिए ऐसे समय में सुरक्षित और अधिक सहज महसूस करने का जरिया है जब उन्हें सबसे अधिक आराम की आवश्यकता होती है.
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COVID-19 महामारी के दौरान, दिल्ली स्थित गैर-सरकारी संगठन (NGO) शहीद भगत सिंह सेवा दल, जो आपातकालीन सेवाओं को सुलभ बनाता है, को एक छोटी बच्ची के लिए एम्बुलेंस सेवा का अनुरोध मिला, इस बच्ची की हालत काफी खराब थी. युवती के परिवार ने पूछा कि क्या मरीज को अस्पताल ले जाने के के लिए कोई महिला ड्राइवर है.
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तब शहीद भगत सिंह सेवा दल की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष मंजीत कौर शंटी ने महसूस किया कि युवा लड़कियां और महिलाएं हमेशा पुरुष ड्राइवरों के आसपास होने पर असहज महसूस करती हैं. इस कारण इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर महिलाओं द्वारा संचालित और महिलाओं द्वारा प्रबंधित पिंक एम्बुलेंस शुरू की गई.
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शहीद भगत सिंह सेवा दल, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. ज्योत जीत शंटी ने कहा, "एक महिला साथी होने के नाते वह दूसरी महिला के भावनात्मक रूप को समझती है. और एक एम्बुलेंस में, संकट के दौरान, जब एक मरीज को अत्यधिक देखभाल, आराम और सांत्वना की आवश्यकता होती है, भावनात्मक समर्थन प्रदान करने वाली दूसरी महिला से बेहतर क्या हो सकता है".
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इस पहल के रूप में, चार महिला ड्राइवरों और परिचारकों के साथ चार पिंक एम्बुलेंस शुरू की गई हैं. 24x7 सेवा वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में मुफ्त में उपलब्ध है.
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यह पहल न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है बल्कि पुरुष प्रधान पेशे की रूढ़ियों को भी तोड़ रही है. शहीद भगत सिंह सेवा दल के लिए हर दिन महिला दिवस है. महिला ड्राइवरों द्वारा संचालित पिंक एम्बुलेंस और सभी महिला कर्मचारियों के साथ यह अनूठी पहल चिकित्सा संकट के सबसे कठिन समय के दौरान महिला रोगियों से जुड़े सभी अंतर को मिटा रही है.
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