बिहार में 5 दोस्तों में सीट बंटवारे की कहानी, जानिए क्यों बहुत खुश होंगे चिराग

बिहार में एनडीए ने आखिरकार सीटों का फॉर्म्युला निकाल लिया. बीजेपी और जेडीयू के बीच 101 पर टाई हुआ, लेकिन असली विनर चिराग रहे. जानिए सीट बंटवारे की इनसाइड स्टोरी...

  • बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 विधानसभा सीटों का बंटवारा कर लिया है. बस आधिकारिक ऐलान बाकी है. यह सोमवार को हो जाएगा. जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि बाकी सीट छोटे सहयोगियों के लिए छोड़ी गई हैं. जद (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने ‘एक्स' हैंडल पर सीट बंटवारे की न्यूज कंफर्म कर दी. पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीट पर चुनाव लड़ेगी. जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ‘कम से कम 15 सीट' की मांग कर रही थी, लेकिन उसे केवल छह सीट दी गई हैं, जबकि शेष छह सीट राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दी गई हैं.

कुशवाहा की पार्टी को छोड़कर, जो कुछ साल पहले ही अस्तित्व में आई है, एनडीए के अन्य सभी घटक दल 2020 के चुनावों में लड़े गए निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या से कम सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमत हुए हैं. पिछले चुनाव में जद (यू) को सबसे अधिक 115 सीट दी गई थीं, उसके बाद भाजपा को 110 और मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को सात सीटें मिली थीं.
    बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 विधानसभा सीटों का बंटवारा कर लिया है. बस आधिकारिक ऐलान बाकी है. यह सोमवार को हो जाएगा. जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि बाकी सीट छोटे सहयोगियों के लिए छोड़ी गई हैं. जद (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने ‘एक्स' हैंडल पर सीट बंटवारे की न्यूज कंफर्म कर दी. पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीट पर चुनाव लड़ेगी. जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ‘कम से कम 15 सीट' की मांग कर रही थी, लेकिन उसे केवल छह सीट दी गई हैं, जबकि शेष छह सीट राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दी गई हैं. कुशवाहा की पार्टी को छोड़कर, जो कुछ साल पहले ही अस्तित्व में आई है, एनडीए के अन्य सभी घटक दल 2020 के चुनावों में लड़े गए निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या से कम सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमत हुए हैं. पिछले चुनाव में जद (यू) को सबसे अधिक 115 सीट दी गई थीं, उसके बाद भाजपा को 110 और मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को सात सीटें मिली थीं.
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  • बिहार में सीट बंटवारे में बीजेपी ने दरियादिली दिखाई है. 2020 के मुकाबले पार्टी अपने 9 उम्मीदवार कम उतारेगी.  बीजेपी के हिस्से में 101 सीटें आई हैं, 2020 में पार्टी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था. मांझी को 6 सीटें देकर भी मनाया गया है. चिराग को 29 सीटें देकर खुश किया गया है. बिहार में बीजेपी ने 9 सीटों के बदले दोस्ती की गांठ को और मजबूत किया है. पार्टी की यह बड़ी रणनीति है.
    बिहार में सीट बंटवारे में बीजेपी ने दरियादिली दिखाई है. 2020 के मुकाबले पार्टी अपने 9 उम्मीदवार कम उतारेगी. बीजेपी के हिस्से में 101 सीटें आई हैं, 2020 में पार्टी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था. मांझी को 6 सीटें देकर भी मनाया गया है. चिराग को 29 सीटें देकर खुश किया गया है. बिहार में बीजेपी ने 9 सीटों के बदले दोस्ती की गांठ को और मजबूत किया है. पार्टी की यह बड़ी रणनीति है.
  • सबसे चौंकाऊ बात यह है कि जेडीयू 101 सीटों पर मान गई. माना जा रहा है जद (यू) ने 2020 में पार्टी के खराब प्रदर्शन को देखते हुए इस बार सीट के मामले में बड़ी हिस्सेदारी पर जोर नहीं दिया. साल 2020 के चुनाव में उसने केवल 43 सीट पर जीत दर्ज की थी. यह बीजेपी की 74 सीट से काफी कम था. साल 2020 के चुनाव में जद (यू) के खराब प्रदर्शन के लिए पासवान के विद्रोह को प्रमुख वजहों में से एक माना गया था.

तब यह संदेह जताया गया था कि पासवान का विद्रोह बीजेपी के इशारे पर हुआ था और इसके कारण जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार ने राजग का साथ छोड़ दिया था. हालांकि, नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) एनडीए से केवल 17 महीने के लिए अलग रही थी.
    सबसे चौंकाऊ बात यह है कि जेडीयू 101 सीटों पर मान गई. माना जा रहा है जद (यू) ने 2020 में पार्टी के खराब प्रदर्शन को देखते हुए इस बार सीट के मामले में बड़ी हिस्सेदारी पर जोर नहीं दिया. साल 2020 के चुनाव में उसने केवल 43 सीट पर जीत दर्ज की थी. यह बीजेपी की 74 सीट से काफी कम था. साल 2020 के चुनाव में जद (यू) के खराब प्रदर्शन के लिए पासवान के विद्रोह को प्रमुख वजहों में से एक माना गया था. तब यह संदेह जताया गया था कि पासवान का विद्रोह बीजेपी के इशारे पर हुआ था और इसके कारण जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार ने राजग का साथ छोड़ दिया था. हालांकि, नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) एनडीए से केवल 17 महीने के लिए अलग रही थी.
  • सीट बंटवारे में सबसे हैपी चिराग पासवान होंगे. उनकी पार्टी के खाते में 29 सीटें आई हैं.  2020 में लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रहे पासवान की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था और 135 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.
    सीट बंटवारे में सबसे हैपी चिराग पासवान होंगे. उनकी पार्टी के खाते में 29 सीटें आई हैं. 2020 में लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रहे पासवान की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था और 135 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.
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  • मांझी के बारे में अफवाह थी कि वे इस फॉर्मूले से नाखुश हैं. उनका बयान भी आया कि 6 सीटें कम है और एनडीए को इसका नुकसान होगा. हालांकि  उन्होंने अपने ‘एक्स' हैंडल पर पोस्ट किया कि वह पटना लौट रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं अपनी अंतिम सांस तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहूंगा.'
    मांझी के बारे में अफवाह थी कि वे इस फॉर्मूले से नाखुश हैं. उनका बयान भी आया कि 6 सीटें कम है और एनडीए को इसका नुकसान होगा. हालांकि उन्होंने अपने ‘एक्स' हैंडल पर पोस्ट किया कि वह पटना लौट रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं अपनी अंतिम सांस तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहूंगा.'
  • बीजेपी ने छह सीट राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दी गई हैं. मांझी की तरह उपेंद्र कुशवाहा भी ज्यादा सीटों की मांग कर रहे थे. पर मामला 6 पर ही सेट हुआ है. 2020 के चुनाव में एक अन्य एनडीए सहयोगी एवं राज्य के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने चार सीट पर चुनाव लड़ा था. विकासशील इंसान पार्टी अब ‘इंडिया' गठबंधन के साथ है.
    बीजेपी ने छह सीट राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दी गई हैं. मांझी की तरह उपेंद्र कुशवाहा भी ज्यादा सीटों की मांग कर रहे थे. पर मामला 6 पर ही सेट हुआ है. 2020 के चुनाव में एक अन्य एनडीए सहयोगी एवं राज्य के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने चार सीट पर चुनाव लड़ा था. विकासशील इंसान पार्टी अब ‘इंडिया' गठबंधन के साथ है.