बेंजी कुमार ने ऑटिज्म के बारे में चली आ रही सभी धारणाओं को तोड़ा है
ऑटिज्म से पीड़ित बेंजी एक सिंगर हैं और कई अवॉर्ड जीत चुकी हैं. उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में अपनी ट्रेनिंग से अपनी आवाज और स्पीच में काफी सुधार किया है.
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27 वर्षीय बेंजी कुमार ऑटिज्म से पीड़ित सिंगर हैं जो म्यूजिक के जरिए खुद को एक्सप्रेस करती हैं.
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बेंज़ी की पूरी जर्नी के दौरान उनके माता-पिता बेहद सपोर्टिव रहे हैं और उन्हें म्यूजिक के फील्ड में इंडिपेंडेंट बनने और आगे बढ़ने में मदद की.
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बेंजी प्रीमेच्योर बेबी के रूप में पैदा हुई थी. उसे कुछ कॉम्प्लिकेशन थीं, जिसने उसकी बॉडी को स्टीफ और इम्मोबाइल बना दिया था.
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बेंजी के माता-पिता ने महसूस किया कि म्यूजिक ने उन्हें कम्यूनिकेट करने में मदद की और भारतीय शास्त्रीय संगीत का उन पर लगभग हिलिंग इफेक्ट पड़ा.
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सिंगर शुभा मुद्गल ने बेंजी के टैलेंट को पहचाना और उनके माता-पिता को उनकी ट्रेनिंग जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया.
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बेंजी ने तीन राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं और दो बार लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है.
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बोलने में दिक्कतों का सामना करने के बावजूद, बेंजी ने म्यूजिक के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सीख लिया है.
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बेंजी की कहानी प्रेरणादायक है और इस बात का प्रमाण है कि डिसेबिलिटी में क्षमता है और किसी को भी हार नहीं माननी चाहिए.
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