'Ayushman Bhav': पीएम मोदी के जन्मदिन पर शुरू हुआ भारत का नया हेल्थ कैंपेन
किसी भी व्यक्ति या गांव को पीछे न छोड़ने और सभी को सुलभ स्वास्थ्य सेवा देने के उद्देश्य से, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 सितंबर को भारत की नई स्वास्थ्य पहल, आयुष्मान भव की शुरुआत की. यह कैंपेन 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 73 वें जन्मदिन पर 2 अक्टूबर तक 'सेवा पखवाड़ा' के रूप में शुरू हुआ है.
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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, नई स्वास्थ्य पहल का लक्ष्य सात करोड़ परिवारों तक पहुंचना है. इसका उद्देश्य अपने तीन घटकों आयुष्मान - आपके द्वार 3.0, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर आयुष्मान मेलों और हर गांव में आयुष्मान सभाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं के कवरेज को फैलाना है.
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आयुष्मान आपके द्वार 3.0 पहल के जरिए, सरकार का लक्ष्य प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत नोमिनेट बचे हुए लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड देना है. वहीं, आयुष्मान मेलों से एबीएचए (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) आईडी (स्वास्थ्य आईडी) बनाने और आयुष्मान भारत कार्ड जारी करने की सुविधा मिलेगी. और अंत में हर गांव और पंचायत में आयुष्मान सभाएं या सभाएं आयुष्मान कार्ड वितरित करने, एबीएचए आईडी बनाने और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं और गैर-संचारी रोगों, तपेदिक (निक्षय मित्र), सिकल जैसी बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कैंपेन की शुरुआत करते हुए कहा, 'आयुष्मान भव' कैंपेन 'स्वस्थ गांव' और 'स्वस्थ ग्राम पंचायत' बनाने से जुड़ा है, जो देश में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) प्राप्त करने की नींव रखता है.
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नए हेल्थ कैंपेन में ऑर्गन और ब्लड डोनेशन कैंपन भी शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में आयुष्मान भारत के छठे और सातवें पिलर के रूप में जोड़ा गया है.
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प्रमुख योजना - आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, जिसके तहत यह नई पहल शुरू की गई है, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी(एनएचए) द्वारा कार्यान्वित की गई है. यह योजना 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को प्राइमरी और टेरिटरी केयर हॉस्पिटलाइजेशन के लिए हर साल 5 लाख रुपये तक का हेल्थ कवर देती है.
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