Year Ender 2024: ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद फिसला मेडल, लेकिन अगले इवेंट में जोरदार वापसी के साथ पूरा होगा अधूरा सपना!

Year Ender 2024: भारत के लिए ओलंपिक का सफर हमेशा से मिला-जुला रहा है. जहां एक तरफ कुछ खिलाड़ी मेडल जीतकर देशवासियों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने में कामयाब हो जाते हैं , तो वहीं कुछ बस मामूली अंतर से मेडल हारकर मन में कुछ टीस से छोड़ जाते हैं.

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भारत के लिए ओलंपिक का सफर हमेशा से मिला-जुला रहा है. जहां एक तरफ कुछ खिलाड़ी मेडल जीतकर देशवासियों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने में कामयाब हो जाते हैं , तो वहीं कुछ बस मामूली अंतर से मेडल हारकर मन में कुछ टीस से छोड़ जाते हैं. साल 2024 का पेरिस ओलंपिक भी इससे अछूता नहीं रहा है. हालांकि, इस साल देश को अपने एथलिट्स से काफी ज्यादा मेडल की उम्मीद थी, लेकिन अंत में यह आंकड़ा महज 6 पर ही सिमट गया, जो पिछले टोक्यो ओलंपिक 2020 से भी एक मेडल कम है. हालांकि, कहते है न कि एक सच्चा खिलाड़ी वही होता है, जिसमें अपने पुराने खराब प्रदर्शन को भुलाकर फिर से उठ खड़े होने की हिम्मत होती है. इस बार भी यह जज्बा कई खिलाड़ियों में देखने को मिल रहा है, जो पेरिस ओलंपिक में मिली निराशा को अगले लॉस एंजिल्स ओलंपिक (2028) में मेडल जीतकर खुशियों में बदल सकते हैं - 

लक्ष्य सेन 

बैडमिंटन में अगले स्टार माने जाने वाले लक्ष्य सेन ने इस साल पेरिस ओलंपिक में धमाकेदार शुरुआत की, लेकिन अंत में वह मेडल से मात्र एक कदम दूर रह गए. दरअसल, लक्ष्य को ब्रॉन्ज मेडल मैच में मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ 21-13, 16-21, 11-21 से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, युवा लक्ष्य सेन ने हाल ही में सैयद मोदी इंडिया इंटरनेशनल एचएसबीसी वर्ल्ड टूर सुपर 300 बैडमिंटन चैंपियनशिप 2024 का खिताब अपने नाम कर यह बता दिया है कि अगले ओलंपिक में वह करिश्मा करने का दम रखते हैं. 

मीराबाई चानू 

टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू पेरिस ओलंपिक में अपने प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख पाईं और महज एक किलो वजन से मेडल चूक गईं. चानू ने अपनी कैटेगरी में कुल 199 किलो का वजन उठाया और चौथे नंबर पर रहीं. हालांकि, चानू ने बाद में बताया कि इवेंट वाले दिन उनका पीरियड्स का तीसरा दिन था, जिससे उन्हें कमजोरी महसूस हुई. लेकिन हाल ही में चानू ने वापसी के संकेत दिए हैं, जिससे उनकी लॉस एंजिल्स ओलंपिक में मेडल जीतने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. 

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निखत जरीन 

वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो गोल्ड और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड एवं एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी भारतीय बॉक्सर निखत जरीन से देश को पेरिस ओलंपिक में भी गोल्ड की उम्मीद थी. लेकिन निखत राउंड ऑफ 16 मुकाबले में चीन की वू यू से 0-5 से हारकर बाहर हो गईं. इसलिए कहा जा सकता है कि उनके कैबिनेट में अभी भी ओलंपिक मेडल की कमी बनी हुई है, जिसे वह अगले लॉस एंजिल्स ओलंपिक में पूरा करने की कोशिश करेंगी. 

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सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी  

सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी पेरिस ओलंपिक से पहले बहुत ही शानदार फॉर्म में चल रहे थे और इस जोड़ी से देशवासियों को गोल्ड मेडल की उम्मीद थी. लेकिन मलेशिया की चिया आरोन और सोह वू यिक की जोड़ी ने भारत की स्टार जोड़ी को हराकर मेडल की रेस बाहर कर दिया. हालांकि, इस जोड़ी ने कोर्ट पर वापसी करते हुए चाइना मास्टर्स 2024 में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था. इसलिए अगले ओलंपिक में इस बैडमिंटन जोड़ी को मेडल के प्रबल दावेदारों में माना जा सकता है. 

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निशांत देव 

पेरिस ओलंपिक में बॉक्सिंग इवेंट के क्वार्टरफाइनल में हारकर निशांत देव मेडल से चूक गए थे. 2008 के बाद से भारत को अभी भी इस इवेंट में मेडल की तलाश है. भारत के लिए पुरुष मुक्केबाजी में इकलौता पदक विजेता विजेंदर सिंह ने जीता था. उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया था. निशांत इस ओलंपिक में मिली हार को भुलाकर अगले इवेंट में भारत के लिए बॉक्सिंग में चले आ रहे सूखे को खत्म कर सकते हैं.

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