Wrestling: बजरंग पूनिया ओलंपिक क्वालीफिकेशन की रेस से हुए बाहर, फिर किया कुछ ऐसा कि...

Wrestling: वहीं, पुरुष 57 किग्रा (नोर्डिक प्रारूप में) हमेशा ही मुश्किल वर्ग रहा है जिसमें तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया और अमन सेहरावत दौड़ में थे. चोट से वापसी कर रहे दहिया बड़े स्कोर वाले पहले मुकाबले में अमन से 13-14 से हार गये.

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Bajrang Punia: पूनिया का रेस से बाहर होना बहुत ही निराशाजनक है
पेरिस:

तोक्यो ओलंपिक खेलों के पदक विजेता बजरंग पूनिया और रवि दहिया रविवार को यहां राष्ट्रीय टीम के लिए चयन ट्रायल में अपने वजन वर्ग के मुकाबले हारने के बाद पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन की दौड़ से बाहर हो गये. भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुआई करने वाले पूनिया को पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा सेमीफाइनल में रोहित कुमार से 1-9 से हार मिली. इससे पहले वह रविंदर (3-3) के खिलाफ मुश्किल से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. अगर रविंदर ने मुकाबले में चेतावनी से अंक नहीं गंवाया होता तो पूनिया पहले ही मुकाबले में बाहर हो गये होते.

सेमीफाइनल में हारने के बाद पूनिया ने गुस्से में एक और हरकत की. बजरंग हार के गुस्से में तुरंत भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र से चले गये. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अधिकारियों ने पूनिया के डोप नमूने लेने की कोशिश की, लेकिन वह तीसरे-चौथे स्थान के मुकाबले के लिए भी नहीं रुके. पूनिया ने ट्रायल्स की तैयारी के लिए रूस में ट्रेनिंग ली थी. ये ट्रायल्स भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के तदर्थ पैनल द्वारा आयोजित किये जा रहे हैं.

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पूनिया ने हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय में यह कहते हुए मुकदमा जीत लिया था कि निलंबित डब्ल्यूएफआई के पास ट्रायल्स कराने का कोई अधिकार नहीं है. सुजीत कलकल ने फाइनल में रोहित को तकनीकी श्रेष्ठता से हराकर भारतीय टीम में जगह बनायी और अब वह पेरिस ओलंपिक के लिए 65 किग्रा वर्ग का कोटा दिलाने की कोशिश करेंगे. सुजीत ने हांगझोउ एशियाई खेलों के लिए पूनिया को सीधे प्रवेश दिये जाने के खिलाफ चुनौती दी थी लेकिन वह यह कानूनी मुकदमा हार गये थे.

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सुजीत ने रविवार को कहा, ‘हमने हमेशा 65 किग्रा में अच्छा किया है और बजरंग ने ओलंपिक पदक भी जीता है, इसलिये मुझ पर देश को कोटा दिलाने के लिए बंड़ी जिम्मेदारी है.' रोहित अब एशियाई चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. ट्रायल्स के विजेताओं को 19 से 21 अप्रैल तक बिश्केक में और नौ से 12 मई तक इस्तांबुल में आयोजित होने वाले एशियाई और विश्व ओलंपिक क्वालीफायर में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा.

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वहीं, पुरुष 57 किग्रा (नोर्डिक प्रारूप में) हमेशा ही मुश्किल वर्ग रहा है जिसमें तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया और अमन सेहरावत दौड़ में थे. चोट से वापसी कर रहे दहिया बड़े स्कोर वाले पहले मुकाबले में अमन से 13-14 से हार गये. दोनों ही छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग करते हैं. दहिया जब प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे थे तो अमन 2023 में लगभग सभी टूर्नामेंट में पदक जीतकर सुर्खियों में रहे थे. एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता अमन ने अंतिम मिनट में दहिया के दबदबे को खत्म करते हुए मुकाबला जीत लिया.

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भारत ने अभी तक अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा) के जरिये ही पेरिस ओलंपिक के लिए एक कोटा हासिल किया है. ट्रायल्स में जीतने वाले अन्य पहलवान जयदीप (74 किग्रा), दीपक पूनिया (86 किग्रा), दीपक नेहरा (97 किग्रा) और सुमित मलिक (125 किग्रा) हैं. एशियाई क्वालीफायर के लिए भारतीय टीम इस प्रकार है:

अमन सहरावत (57 किग्रा), सुजीत कलकल (65 किग्रा), जयदीप (74 किग्रा), दीपक पूनिया (86 किग्रा), दीपक नेहरा (97 किग्रा) और सुमित मलिक (125 किग्रा).

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