Women's Asian Champions Trophy Semifinal: पहले तीन क्वार्टर में दर्जन भर से अधिक पेनल्टी कॉर्नर गंवाने के बाद भारत ने आखिरी क्वार्टर में दो गोल करके जापान को 2-0 से हराकर मंगलवार को महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उसका सामना चीन से होगा. पहले तीन क्वार्टर गोलरहित रहने के बाद 48वें मिनट में नवनीत कौर ने पेनल्टी स्ट्रोक पर भारत का खाता खोला जबकि 56वें मिनट में लालरेम्सियामी ने सुनेलिटा टोप्पो के बेहतरीन पास पर दूसरा गोल किया. उधर दूसरे सेमीफाइनल में पेरिस ओलंपिक रजत पदक विजेता चीन ने मलेशिया को 3-1 से हराया.
आखिरी ग्रुप मैच में जापान को 3-0 से हराने वाली भारतीय टीम 48वें मिनट तक गोल के लिये तरसती रही. भारत को पूरे मैच में 16 पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन एक पर भी गोल नहीं हो सका और रविवार को चीन के खिलाफ फाइनल से पहले कोच हरेंद्र सिंह के लिये यह चिंता का सबब होगा. चौथे क्वार्टर के दूसरे मिनट में दीपिका को जापानी डिफेंडर द्वारा बाधा पहुंचाये जाने पर भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे नवनीत ने आसानी से गोल में बदला.
आखिरी सीटी बजने से पांच मिनट पहले सुनेलिटा से दाहिने फ्लैंक से मिले सटीक पास को गोल में बदलकर लालरेम्सियामी ने बिहार खेल परिसर स्टेडियम में भारी तादाद में जमा दर्शकों में उत्साह का संचार कर दिया. जापान को मैच का एकमात्र पेनल्टी कॉर्नर 59वें मिनट में मिला जिसे भारतीय गोलकीपर बिछू देवी ने गोल में नहीं बदलने दिया.
मैच में पहले दो क्वार्टर में भारतीय टीम को नौ पेनल्टी कॉर्नर मिले और 13 बार टीम जापानी सर्कल में भी घुसी लेकिन गोल नहीं हो सका. गेंद पर नियंत्रण के मामले में भी भारतीय टीम आगे रही लेकिन फिनिशिंग तक नहीं ले जा पाने से डगआउट के पास खड़े कोच की हताशा साफ नजर आ रही थी.
भारत ने आक्रामक शुरूआत करते हुए पहले कुछ मिनटों में ही मौके बनाये. कप्तान सलीमा टेटे के पास दसवें मिनट में सुनहरा मौका था लेकिन बायें फ्लैंक से वह गेंद को पकड़ नहीं सकी. अगले मिनट में भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे इस टूर्नामेंट में दस गोल कर चुकी दीपिका गोल में नहीं बदल पाई. अगले मिनट दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर भी यही कहानी रही.
पहले पंद्रह मिनट में स्कोर 0-0 था. दूसरे क्वार्टर में भारत को 18वें और 19वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन जापान की गोलकीपर यू कूडो की तारीफ करनी होगी जिन्होंने तेज गति से आने वाले हर शॉट को बखूबी बचाया.
भारत की अनुभवी मिडफील्डर नेहा गोयल ने जबर्दस्त खेल दिखाते हुए कई बार गेंद को सर्कल के भीतर पहुंचाया और पेनल्टी कॉर्नर भी बनाये. भारत को उन्होंने छठा पेनल्टी कॉर्नर 20वें मिनट में दिलाया जिस पर दीपिका का पहला शॉट कमजोर रहा और रिबाउंड पर नेहा भी गेंद को भीतर नहीं पहुंचा सकी.
अगले मिनट भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला और दीपिका फिर नाकाम रही. इस बीच नेहा, उदिता और ब्यूटी डुंगडुंग गेंद को डी के भीतर लेकर गए लेकिन ब्यूटी को बाधा पहुंचाने के कारण भारत ने पेनल्टी कॉर्नर की अपील की. वीडियो रेफरल के बाद भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं हो पाया.
इस बीच 24वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर दीपिका फिर गोल नहीं कर पाई. हाफटाइम तक स्कोर गोलरहित बराबरी पर ही था. ब्रेक के बाद भारत ने फिर आक्रामक शुरूआत की और पहले ही मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले. इस बार नवनीत कौर के दोनों शॉट कमजोर रहे.
इसके बाद जापानी खिलाड़ियों ने धीरे धीरे गेंद पर नियंत्रण बनाना शुरू किया. हालांकि, भारतीय सर्कल तक नहीं पहुंच सके. भारत के लिये उदिता , प्रीति दुबे और संगीता ने 35वें मिनट में अच्छा मूव बनाते हुए पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किया लेकिन दीपिका का शॉट बाहर से निकल गया.
भारत को तीसरे क्वार्टर का चौथा पेनल्टी कॉर्नर 42वें मिनट में मिला लेकिन पुश भी कमजोर रहा और भारतीय खेमा छितर बितर नजर आया जिससे कामयाबी फिर नहीं मिल सकी. इस क्वार्टर के आखिरी मिनट में भारत को मिले 13वें पेनल्टी कॉर्नर पर उदिता का सीधा शॉट जापानी गोलकीपर ने दाहिना पैर आगे करके बचाया.
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