Tokyo Olympics 2020: ओलिंपिक खेलों में वीरवार तक दूसरे नंबर पर रहकर इतिहास रचने की कगार पर खड़ीं भारतीय गोल्फर चल रहे खेलों के महाकुंभ में शुक्रवार को कांस्य पदक से चूक गयीं और वह चौथे नंबर पर रहीं. अदिति ने करीब 12वें होल तक अच्छा मुकाबला किया, लेकिन यहां से वह सबसे जरूरी पलों में अपने खेल का स्तर ऊंचा करने में नाकाम रहीं. इस दौरान खराब मौसम की मार पड़ी और इसके बाद भी वह 17वें होल पर संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर रहकर पदक की होड़ में बनी हुयी थीं, लेकिन आखिरी होल में अदिति वो शॉट लगाने में नाकाम रहीं, जो उन्हें पदक दिला सकता था. इस दौरान खासकर जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लाइडिया ने अपने खेल का स्तर बहुत ही ज्यादा ऊंचा करते हुए अदिति को पदक की होड़ से बाहर हो गया. वास्तव में होड़ इन दोनों के बीच ही जबर्दस्त चल रही थी. आखिरी छह होल के दौरान अदिति का इन दोनों के मुकाबले बहुत ही छिछला प्रदर्शन अदिति को पदक की होड़ से बाहर करा गया, लेकिन करोड़ों भारतीय इस पर गर्व कर सकते हैं कि दुनिया में तकरीबन 200 वें नंबर की उनकी खिलाड़ी ने चौथे नंबर पर खत्म किया, लेकिन यह मलाल अदिति, उनके समर्थकों सहित तमाम खेलप्रेमियों को रहेगा कि वह पदक के इतने नजदीक आकर इससे चूक गयीं. खासकर यह देखते हुए कि वीरवार को वह दिन की समाप्ति पर नंबर-2 पर थीं. अमरीका की नेली कोर्डा ने स्वर्ण, जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड लाइडिया ने कांस्य पदक जीता.
खेल रुकने से पहले इस इस आखिरी पड़ाव पर जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लाइडिया को ने जबर्दस्त वापसी करते हुए अदिति अशोक को एक समय चौथे नंबर पर भेज दिया था. 12वें होल पर अदिति अशोक दो और खिलाड़ियों के साथ संयुक्त रूप से तीसरी पायदान पर थीं. उनका जापानी और न्यूजीलैंड के प्रतिद्वंद्वी से जोरदार मुकाबला चल रहा था और 15वें होल पर इन दोनों ने अदिति अशोक को एक पायदान नीचे खिसका दिया. सबसे ज्यादा चौंकाया जापानी इनामी ने, जिन्होंने इन पलों में सभी को चीरते हुए खुद को नंबर दो पायदान पर पहुंचा दिया. चलिए आपको आधे खेल के बाद से होल के हिसाब से खेल के बारे में बताते हैं:
16वें से 18वां होल: नहीं हुआ स्तर में सुधार, हो गई अदिति की हार
अदिति को पदक जीतने के लिए आखिरी तीन होल में कुछ वैसा ही करने की जरूरत थी, जैसा जापानी खिलाड़ी ने लगातार चार बर्डी लगाकर किया था. लेकिन चार तो छोड़िए, अदिति एक भी न बर्डी लगा सकीं और न ही बोगी. मतलब निर्णायक पलों में अदिति जरूरी शॉट लगाने में नाकाम रहीं. वहीं, स्वर्ण जीतने वाली अमरीका की नेली कोर्डा का प्रदर्शन भी अदिति जैसा ही रहा, लेकिन वह पहले से ही अपनी स्थिति मजबूत कर चुकी थीं कि उन पर ज्यादा असर नहीं पड़ना था.
पर मुकाबला जापानी और न्यूजीलैंड की खिलाड़ी के बीच हुआ और सिल्वर पदक तय करने के लिए प्ले-ऑफ खेलना पड़ा. जापानी इनामी ने आखिरी तीन शॉटों में एक बर्डी और एक बोगी लगायी, तो कांस्य पदक जीतने वाली न्यूजीलैंड की लाइडिया ने भी 16वें और 17वें होल पर क्रमश: बोगी और बर्डी लगाकर अदिति को पदक की रेस से बाहर कर दिया. अगर लाइडिया ऐसा प्रदर्शन नहीं करतीं, तो उनका अदिति के साथ एक बार को कांस्य के लिए प्ले-ऑफ हो सकता था, लेकिन ऐसा नहीं ही हुआ.
13 से 15 होल: अगर यह कहा जाए कि यहां तक के खेल में अगर सबसे ज्यादा उतार चढ़ाव इन तीन या कहें चार होल के दौरान हुआ, तो यह बिल्कुल भी गलत नहीं ही होगा. और 12 से 15वें होल के दौरान जापानी गोल्फर मोने इनामी ने सभी को चीरते हुए खुद को नंबर-2 पर पहुंचाकर सभी को हैरान कर दिया. और वजह बना 12वें से 15वें होल के दौरान मोने द्वारा लगायी गयीं लगातार चार बर्डी. सबसे जरूरी पलों में मोने ने वह खेल दिखाया, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए पदक जीतने या उसे होड़ में लाने के लिए जरूरी था. कुछ ऐसा ही किया न्यूजीलैंड की लाइडिया को ने, जिन्होंने इस दौरान लगातार तीन बर्डी लगाईं और खुद को फिर से पदक की रेस में शामिल कर लिया, लेकिन वीरवार को दूसरे नंबर पर समाप्त करने वालीं भारत की अदिति अशोक बस यहीं पिछड़ गयीं. अदिति ने शुरुआती दो होलों पर लगातार बर्डी लगायी, लेकिन 15वें होल पर वह चूक गयीं. नतीजा यह रहा कि जापानी इनामी की लगातार चार बर्डी और लाइडिया की तीन बर्डी ने अदिति को चौथे नंबर पर धकेल दिया.
9 से 12 होल: इस स्तर पर अदिति को अपने खेल का स्तर ऊंचा करते हुए ज्यादा बर्डी लगाने की जरूरत थी, लेकिन इन तीन होलों पर उनका प्रदर्शन वैसा नहीं रहा, जैसी भारतीय गोल्फप्रेमी उम्मीद कर रहे थे. 11वें होल पर अदिति बस बोगी ही लगा सकीं. बहुत तेजी से वापसी करते हुए नंबर दो पायदान कब्जाने वाली डेनमार्क की एमेली क्रिस्टीन का प्रदर्शन भी इन तीन होलों पर ज्यादा खास नहीं रहा और उन्होंने भी 12वें होल पर एक बोगी ही हासिल की. और अमरीका की कोर्डा नेली ने भी एक बोगी लगाई. मतलब तीनों खिलाड़ियों ने ही एक-एक बोगी लगाई. लेकिन इससे पहले के प्रदर्शन के आधार पर नेली अपनी शीर्ष पायदान बरकरार रखने में सफल रहीं.
वहीं, खेल के आधे सफर के बाद जहां अमरीका की कोर्डा नेली का स्कोर -16 था, लेकिन नेली ने 8वें, 9वें और 10वें होल पर लगातार तीन बर्डी लगाकर बाकी खिलाड़ियों से दूरी बढ़ाते हुए स्कोर -17 कर लिया . वहीं, अदिति और डेनमार्क की एमिली क्रिस्टीन -14 के साथ संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर थीं. सुबह की शुरुआती शीर्ष तीन से बाहर से करने वाली न्यूजीलैंड की को लाइडिया ने आधे सफर तक बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए -15 के साथ दूसरे नंबर पर पहुंच गयी. थीं. यहां से अभी 9 होल का खेल होना बाकी था.
अदिति अशोक की आज चौथे राउंड में सुबह करीब 6:50 बजे ऐसा भी समय आया, जब वह आठवें प्रयास में अपनी तीसरी बर्डी लगाकर संयुक्त रूप से शीर्ष पायदान पर पहुंच गयीं. इस स्टेज पर अमेरीका की कोर्डा नेली के साथ उनकी कड़ी जद्दोजदद चल रही है. कभी अदिति आगे, तो कभी कोर्डा, लेकिन अच्छी बात यह है कि अदिति का स्कोर अब -15 हो चला है. सुबह शुरुआत अदिति ने -12 के साथ की थी. अदिति अभी तक 5वें, 6ठे और 8वें होल पर बर्डी लगा चुकी हैं.
चौथे राउंड की शुरुआत में अदिति ने अपनी दूसरी पायदान बरकरार रखी, लेकिन कुछ ही देर बाद इस पर न्यूजीलैंड की को लाडिया ने कब्जा कर लिया. एक समय तो अदिति पांचवें नंबर तक पर खिसक गयी थीं, लेकिन यहां से ऊपर-नीचे होता रहा. और चौथे और पांचवें प्रयास में लगातार दो बर्डी जमाकर अदिति ने एक बार फिर से दूसरी पायदान कब्जा ली. अच्छी बात यह है कि अब अदिति ने खेल की शुरुआत में ही उनके काफी नजदीक पहुंच गयीं डेनमार्क एमिली क्रिस्टीन और जापान की इमामी मोन से खासा अंतर बना लिया है. मुकाबला बहुत ही कांटे का चल रहा है.
जानिए कि वीरवार को अदिति ने क्या कहा था
वहीं, अदिति ने तीसरे दौर में पांच बर्डी और दो बोगी बनाई, जिससे उनका कुल स्कोर 12 अंडर का हो गया और वह तीसरे दौर के बाद शुक्रवार को तालिका में दूसरे स्थान पर थीं. भारतीय गोल्फर से आगे अमेरिका की नैली कोर्डा हैं जो उनसे तीन स्ट्रोक्स आगे है जिन्होंने इस दौर में दो अंडर 69 स्कोर किया.
VIDEO: 'मेडल नहीं जीत सकी लेकिन आत्मविश्वास बढ़ा है' : अदिति अशोक की NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत.