- अच्छी शुरुआत के बाद ढीली पड़ीं सिंधु
- सीधे गेमों में दी विश्व नंबर-1 ताई जू यिंग ने मात
- अब कांस्य पदक के लिए 1 अगस्त को भिड़ेंगी
Tokyo Olympics : टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics) में शनिवार को भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु की सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताई जू यिंग से हारकर ओलिंपिक में लगातार दूसरे रजत पदक से चूक गयीं. सेमीफाइनल में बेहतरीन शुरुआत करने के बावजूद भारतीय खिलाड़ी विश्व नंबर एक खिलाड़ी के सामने समय गुजरने के साथ ही सिंधु की मुकाबले पर पकड़ कमजोर पड़ती गयी और ताई जू यिंग ने भारतीय खिलाड़ी को सीधे गेम में 21-18, 21-12 से मात देकर उनका फाइनल में पहुंचने का रास्ता बंद कर दिया. बहरहाल, सिंधु के लिए पदक का रास्ता अभी बंद नहीं हुआ है और वह अब कांस्य पदक के लिए लड़ाई लड़ेंगी. कांस्य के लिए सिंधु का मुकाबला 1 अगस्त को चीन की हे बिंग जिआओ के साथ होगा.
पहला गेम: निर्णायक पलों में पस्त पड़ गयीं सिंधु
मैच की शुरुआत पीवी सिंधु ने ठीक वैसे ही आक्रामक तेवरों के साथ शुरू की, जहां उन्होंने पिछले मैच में यामागुची के खिलाफ खत्म किया था. वही आक्रामक तेवर, वही ऊर्जा और ठीक वैसे ही बेहरीन रिटर्न और देखते ही देखते पहले गेम में चंद मिनटों के भीतर ही भारतीय खिलाड़ी ने 8-4 की बढ़त हासिल करली. यहां से ताई जू यिंग ने दो अंक हासिल किए, लेकिन थोड़ा आत्मविश्वास दिखाते हुए सिंधु ने जल्द ही खुद को फिर से आगे कर लिया, लेकिन फिर से चली प्वाइंट्स की जद्दोजहद में एक बेहतरीन स्मैश से जू यिंग ने अपने प्वाइंट को सात पर पहुंचा दिया. इस दौरान जू यिंग ने दिखाया कि नेट के पास उनकी खेल पर कितनी मजबूत पकड़ है, पर लॉन्ग रिटर्न या रैली में विश्व चैंपियन में वैसी महारथ शुरुआत में दिखाई नहीं पड़ीं. कुछ बेजा गलतियां (अनफोर्स एरर) भी हुयीं और फिर से स्कोर 11-8 से सिंधु के पक्ष में चला गया. यह स्थिति पहले गेम के शुरुआती दस मिनट के बाद की थी.
छोटे से ब्रेक के बाद जू यिंग ने कुछ अच्छे प्वाइंट बटोरे और स्कोर जल्द ही 13-13 से बराबर हो गया. यहां से सिंधु ने तब बढ़त ली, जब ताइपे खिलाड़ी का रिटर्न शॉट नेट पर फंस गया, लेकिन कुछ ऐसी ही स्थिति सिंधु की अगले प्वाइंट पर हुई और स्कोर 14-14 से बराबर हो गया. लेकिन यहां से सिंधु ने दो प्वाइंट बटोरे. ये प्वाइंट जू यिंग के अपने खराब रिटर्न से ही मिले, लेकिन इन दोनों प्वाइंट्स को जू यिंग ने कवर करते हुए स्कोर को फिर से 16-16 से बराबर कर दिया. सिंधु ने फिर वापसी की, जब ताई जू यिंग का रिटर्न फिर से उन्हीं के पाले में गिर गया और स्कोर को पीवी ने 17-16 कर दिया. यहां से दोनों के बीच एक लंबी रैली चली, लेकिन बाजी हाथ लगी ताई जू यिंग के और स्कोर हो गया 17-17 से बराबर. अब यहां से आखिरी प्वाइंट्स के लिए संघर्ष अब अलग ही मुकाम पर पहुंच चला था. यहां से सिंधु शुरुआती की तुलना में थोड़ी धीमी दिखायी पड़ींं. टेम्प्रामेंट का अलग ही टेस्ट हो चला था और जब स्कोर 18-18 की बराबरी पर था, तो यहां से ताई जू यिंग ने तीन प्वाइंट्स अपनी झोली में डालते हुए पहला गेम अपने नाम कर लिया. निर्णायक पलों में ताई जू यिंग बीस साबित हुईं.
दूसरा गेम: हार का दिखा असर..और बिखर गयी सिंधु
पहले गेम में मिली हार का असर सिंधु पर बहुत ही ज्यादा दिखा, तो ताई जू यिंग पर भी. बढ़त के मनोवैज्ञानिक लाभ के रथ पर सवार ताई की आक्रामकता अलग स्तर पर चली गई. पहले गेम की गलतियां नदारद थीं. अगर कुछ था, तो वह था बेहतरीन रिटर्न, स्मैश और गच्चा रिटर्न. इसका नतीजा यह रहा कि दूसरे गेम के पहले ब्रेक के बाद जू यिंग 11-7 से आगे थीं. ताई का कॉन्फिडेंस लगातार बढ़ता जा रहा था और पीवी सिंधु की नवर्सनेस भी साफ शारीरिक भाषा में दिखायी पड़ी और देखत ही देखते स्कोर 16-8 पर पहुंच गया. यहां से मैच का भविष्य बहुत हद तक दिखने लगा था और सिंधु को यहां से कुछ बड़ा करना था, जो मुश्किल था और नहीं ही हो सका.
यहां से एक प्वाइंट बटोर सिंधु ने स्कोर 9-16 किया और सर्विस भी कब्जा ली. जू यिंग से बेजा गलतियां हुयी, स्कोर 12-18 पहुंचा, लेकिन अंतर प्वाइंटस का अंक बहुत ज्यादा हो चला था. ताई के पास लाभ बहुत ही ज्यादा था और सिंधु के पास गुंजाइश बहुत ही कम. निर्णायक पल आ चले थे. और एक बार फिर से विश्व नंबर-1 खिलाड़ी ने निर्णायक पलों में अपने अनुभव का परिचय देते हुए दूसरा गेम भी 21-12 से जीतकर सीधे गेमों में मुकाबला जीतकर फाइनल में प्रवेश कर लिया.
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