एशियन गेम्स में भारत ने इस बार सबसे बड़ा दल भेजा था और भारत इस बार सबसे अधिक मेडल जीतने में भी सफल हुआ. भारत के लिए इस बार सेना से जुड़े 60 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जिनमें से 20 खिलाड़ी मेडल जीतने में सफल हुए. नीरज चोपड़ा ने जहां जैवलिन थ्रो में गोल्ड अपने नाम किया तो अविनाश ने स्टीपलचेज में स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया. एक कार्यक्रम में सेना से जुड़े खिलाड़ियों को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सम्मानित किया. इस दौरान एनडीटीवी ने इन खिलाड़ियों से एक्सक्लूसिव बातचीत की है.
नीरज चोपड़ा ने डिफेंड किया अपना गोल्ड मेडल
नीरज चोपड़ा ने एशियाई में गोल्ड मेडल डिफेंड करने पर कहा,"यह मेरा पहला कंपटीशन था, जिसमें अपना टाइटल को डिफेंड करने के लिए उतरा था. हम कर कर पाए, पहली बार ऐसा हुआ कि मैनें दोबारा गोल्ड बड़े कॉम्पिटशन में. बस यही मकसद रहेगा कि आजे जो-जो खेलें उसमें ऐसा ही करें. अच्छा लगता है, सभी को उम्मीद होती है कि मैं अच्छा करुंगा और मैं जीत जाउंगा. मैं कोशिश करता हूं अच्छी तैयारी करके जाए और जो भी कोशिश करते जाते हैं कि जीत के आना है दोबारा से वो करें."
वहीं चीन में नीरज चोपड़ा के साथ पहले थ्रो को लेकर विवाद हुआ था. नीरज चोपड़ा का पहला थ्रो शानदार था, लेकिन उसे काउंट नहीं किया गया था. इस पर नीजर चोपड़ा ने कहा."चीन में मेरा थ्रो तो बहुत अच्छा था थोड़ा सा दुख तो हुआ था वह खराब हो गया. खुद के अंदर एक भरोसा था कि कोई बात नहीं फिर से कोशिश करूंगा और जो थ्रो है मेरे पास वह अच्छा कर दूंगा."
3000 स्टीपल चेज में गोल्ड और 5000 दौड़ में गोल्ड जीतने वाले अविनाश साबले
अविनाश साबले ने कहा,"अच्छा लगा की 3000 स्टीपल चेज मैं गोल्ड और 5000 में सिल्वर जीता. अपना रिकॉर्ड भी ब्रेक किया. जब इतनी मेहनत करते हैं और उसके बाद प्रतियोगिता में ऐसा नतीजा आता है तो अच्छा लगता है. क्योंकि इसके पीछे बहुत सारे लोगों का सपोर्ट होता है मेहनत होता है तो जीते हैं तो बहुत ही अच्छा लगता है."
अविनाश साबले ने आगे कहा,"2018 में मैं इस चेज का पहली बार रिकॉर्ड ब्रेक किया जो 37 साल पुराना था उसके बाद यही रिकॉर्ड मैं 9 बार तोड़ा है. 5000 में भी मैंने दो बार रिकॉर्ड ब्रेक किया अच्छा लगता है कि अपने आने वाले एथलीट के लिए हम टारगेट सेट कर रहे उनके मन में चेंज हो सकता है कि हमारे पुराने एथलीट ने ऐसा किया है तो हम भी ऐसा कर सकते हैं."
कबड्डी में गोल्ड जीतने वाले टीम के सदस्य अर्जुन देसवाल
कबड्डी पुरुष टीम ने एशियाड में फाइनल मुकाबले में ईरान को हराकर गोल्ड अपने नाम किया है. अर्जुन देसवाल इस दल का हिस्सा थे और उन्होंने कहा,"बदला तो यह था कि 2018 में हमारा गोल्ड मेडल उधर ही ईरान में रह गया था हमने सोचा था इस बार कैसे भी करके अपना गोल्ड मेडल देश में लेकर आना है जो हमारी मेहनत थी प्रेक्टिस थी काम आई. चीन के आयोजन में कोई दिक्कत नहीं था रेफरी के लेवल पर कुछ तकनीकी दिक्कत हो गया था कुछ फैसला गलत दिए गए थे इस वजह से थोड़ा टाइम लगा जो बाद में ठीक हो गया. पहले कबड्डी का इतना क्रेज नहीं था लेकिन जब से प्रो कबड्डी आया उसे कबड्डी का गेम एक अलग ही लेवल पर चला गया है तो देखा जाए कि क्रिकेट के बाद अब कबड्डी ही गेम आगे आ रहा है. कबड्डी ओलंपिक में नहीं है लेकिन हम अनुरोध करेंगे कि यह आये."
कुश्ती में सिल्वर जीतने वाले दीपक पूनिया
इस बार कुश्ती में खिलाड़ियों ने निराश किया, लेकिन दीपक पूनिया सिल्वर अपने नाम करने में सफल रहे. दीपक पुनिया ने कहा,"अभी हमारा सिल्वर मेडल आया है आगे जो भी टूर्नामेंट आएगा उसके लिए पूरी कोशिश करेंगे हमारी कोशिश रहेगी कि हम देश के लिए गोल्ड मेडल ही जीते. हम खुश भी है कि हमने 100 फीसदी दिया. जितना हम कर सकते थे उतना किया. जिनके साथ हमारा मुकाबला था वह ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट है मुकाबला काफी कड़ा था काफी कुछ सीखने को मिला. अगला जब भी मुकाबला होगा हम और अच्छा करेंगे."
शूटिंग टीम ने गाड़ा झण्डा
भारत के लिए एशियन गेम्स 2023 में सबसे अधिक मेडल इस बार एथ्लेटिक्स और शूटिंग इवेंट में आए थे. इस बार राइफल, शॉटगन और पिस्टल में बहुत सारे मेडल हैं. कुल 22 मेडल शूटिंग में आए थे. प्रीति रजक शूटिंग दल का हिस्सा थीं और उन्होंने कहा,"जब से मैं मध्य प्रदेश एकेडमी छोड़ी है उसके बाद आर्मी जॉइन किया है. 1 साल से, पिछले 1 साल से सारा सपोर्ट आर्मी का क्योंकि जिस तरह से मेरी उपकरण आते हैं वह काफी महंगा है, वह सब उठा रही है, गन से लेकर कारतूस तक. वह मेरा बहुत ही सपोर्ट कर रही है."
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