विनेश फोगाट के अधूरे सपने को पूरा करेगी यह पहलवान! विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर देश का नाम किया रोशन

काजल के परिजनों का कहना है कि वह देश के लिए ओलंपिक मेडल जीतकर लाए और देश का नाम रोशन करें. काजल के परिजनों का कहना है कि ओलंपिक में विनेश फोगाट की अधूरे सपने को काजल गोल्ड मेडल जीतकर पूरा करेगी.

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हरियाणा के पहलवान विदेशी धरती पर लगातार देश का डंका बजा रहे हैं. खासतौर पर पहलवानी में सबसे ज्यादा खिलाड़ी यहीं से ताल्लुक रखते हैं. यहां के युवा पहलवान भी विदेशी धरती पर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं. हाल में जॉर्डन में आयोजित अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में सोनीपत की रहने वाली पहलवान काजल ने 69 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया. इस मौके पर उनके गांव-परिवार में खुशी का माहौल है.

काजल के चाचा कृष्ण पहलवानी करते थे. तब काजल मात्र 7 साल की थी. उन्होंने अपने चाचा को देखकर इस खेल में रुचि बनाई और उनमें पहलवानी करने का जनून आया, जिसके बाद काजल अपने चाचा से पहलवानी के गुर सीखने लग गई. अब काजल विदेशी धरती पर देश के तिरंगे का मान सम्मान बढ़ा रही है. हाल में जॉर्डन में आयोजित हुई विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने 69 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है.

गोल्ड मेडल जीतने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है. इस मौके पर जब वो गोल्ड के साथ सोनीपत पहुंचेगी, तो उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा. काजल की मां बबीता का कहना है कि काजल को चूरमा पसंद है और उसे वही खिलाया जाएगा. वहीं उनके गुरु और चाचा कृष्ण का कहना है कि अब काजल को 2028 में होने वाले ओलंपिक की तैयारी करवाई जाएगी.

काजल की उम्र 17 साल है और वह कई बार भारत केसरी का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं. काजल अपने इस उपलब्धि का श्रेय आपने चाचा और गुरु को दे रही है, काजल का लक्ष्य देश के लिए ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतना है.

पहलवान कृष्ण उर्फ काजल के चाचा का कहना है कि 7 साल की उम्र से ही उसे मुझे देखते हुए पहलवानी करने का जनून चढ़ा था. जब मैंने इसमें लग्न देखी तो मैंने इस पर ध्यान देना शुरू किया. देखते ही देखते इसने कई पदक जीते और अब हमारा सपना है कि काजल देश के लिए ओलंपिक मेडल जीतकर लाए और देश का नाम रोशन करें. काजल के परिजनों का कहना है कि ओलंपिक में विनेश फोगाट की अधूरे सपने को काजल गोल्ड मेडल जीतकर पूरा करेगी.

बता दें, अंडर-17 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में महिलाओं की स्पर्धा में भारत के वर्चस्व को बढ़ाते हुए, काजल ने गोल्ड जीतने वाली देश की पांचवीं पहलवान बन गईं. इसके साथ ही भारत ने 185 अंकों के साथ अपना पहला टीम खिताब जीता.

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काजल ने 69 किग्रा भार वर्ग में यूक्रेन की ऑलेक्ज़ेंड्रा रयबक पर 9-2 से शानदार जीत के साथ स्वर्ण पदक जीता. हालांकि, श्रुतिका को जापान की युयू कात्सुम से पराजित होने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा, जिन्होंने 46 किग्रा के स्वर्ण पदक के मुकाबले को केवल 40 सेकंड में समाप्त कर दिया.

राज बाला ने 40 किग्रा में जापान की मोनाका उमेकावा पर 11-5 की जीत के साथ कांस्य पदक जीता, जबकि मुस्कान ने 53 किग्रा कांस्य प्ले-ऑफ में तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर यूएसए की इसाबेला गोंजालेस को हराया और भारत की पदको की संख्या में इजाफा किया. रजनीता हालांकि महिलाओं के 61 किग्रा कांस्य प्ले-ऑफ में अजरबैजान की ह्युनाई हर्बानोवा से हार गईं. भारतीय महिलाओं के लिए बेहद सफल संस्करण में पदक से चूकने वाली वह एकमात्र महिला थीं.

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भारतीय महिलाओं ने पांच स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते और कुल मिलाकर 185 अंक जुटाए और पहली बार टीम तालिका में शीर्ष पर रहीं. ट्रेडिशन पावरहाउस जापान 146 अंकों के साथ दूसरे और कजाकिस्तान 79 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा.

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