Garry Kasparov in "terrorists and extremists" list: रूस ने चेस के महान खिलाड़ी गैरी कास्परोव को आतंकवादियों और चरमपंथियों की सूची में डाल दिया है. मॉस्को टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शतरंज के ग्रैंडमास्टर और राजनीतिक कार्यकर्ता गैरी कास्परोव को रूस के वित्तीय निगरानीकर्ता द्वारा "आतंकवादियों और चरमपंथियों" की सूची में डाला गया है. 60 साल के पूर्व विश्व शतरंज चैंपियन लंबे समय से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक रहे हैं और उन्होंने यूक्रेन में रूस के सैन्य हमले की लगातार निंदा की है. उन्होंने एक बार पुतिन को "दुनिया का सबसे खतरनाक आदमी" कहा था.
रूस की वित्तीय निगरानी एजेंसी रॉसफिनमॉनिटरिंग ने बुधवार को गैरी कास्पारोव को बिना बताए अपनी अवांछित सूची में शामिल कर लिया. इस सूची में शामिल लोगों को बैंक लेनदेन से प्रतिबंधित कर दिया जाता है और उन्हें हर बार अपने खातों का उपयोग करने के लिए अनुमति लेनी होती है. गैरी कास्परोव ने उत्पीड़न के डर से 2013 में रूस छोड़ दिया था. 2022 में, रूसी न्याय मंत्रालय ने कास्परोव और पूर्व तेल व्यवसायी मिखाइल खोदोरकोव्स्की को "विदेशी एजेंटों" की अपनी सूची में रखा थी और उन्हें कठोर नौकरशाही और वित्तीय रिपोर्टिंग के अधीन किया था.
मानवाधिकार समूहों के अनुसार, इस सुची में शामिल करना, क्रेमलिन द्वारा अपने विरोधियों को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक अन्य हथियार है. "विदेशी एजेंट" शब्द का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है, जिन्हें वह वह राज्य का दुश्मन मानते हैं. वहं इस लिस्ट में डाले जाने के बाद गैरी कास्परोव ने सोशल मीडिया पर लिखा,"एक सम्मान जो मेरे बारे में नहीं बल्कि पुतिन के फासीवादी शासन के बारे में अधिक कहता है. जैसा कि गोल्डवाटर ने कहा, स्वतंत्रता की रक्षा में उग्रवाद कोई बुराई नहीं है और न्याय की खोज में संयम कोई गुण नहीं है. लेकिन सभी विरोधों, या साधारण शालीनता को तानाशाही द्वारा अतिवादी कहा जाना चाहिए."
गैरी कास्परोव को व्यापक रूप से दुनिया के बेहतरीन शतरंज खिलाड़ियों में से एक माना जाता है और वह लगभग एक दशक तक संयुक्त राज्य अमेरिका में रहे हैं. पिछले साल फरवरी में, उन्होंने पश्चिम से कीव के लिए अपना समर्थन बनाए रखने का आग्रह किया था, जिसमें कहा गया था कि रूस में लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए यूक्रेन को "पूर्व शर्त" के रूप में मास्को को हराना होगा.
गैरी कास्परोव महज 12 साल की उम्र में सोवियत संघ के अंडर-18 चेस चैंपियन बने थे. 22 साल की उम्र में गैरो कास्परोव साल 1985 में अनातोली कारपोव को हराकर पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बने थे और इस तरह वह विश्व चैंपियन बनने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने थे. गैरो कास्परोव का चेस करियर 20 साल से अधिक का रहा है और इस दौरान वो अधिकतर समय तक नंबर-1 रहे. कास्परोव के नाम लगातार 15 इंटरनेशनल टूर्नामेंट जीतने का रिकॉर्ड है. साथ ही उन्होने रिकॉर्ड 11 बार शतरंज ऑस्कर भी अपने नाम किया था. गैरी कास्परोव ने चेस से संन्यास लेने के बाद राजनीति पर ध्यान केंद्रित किया था और 2012 और 2013 में रूस में निष्पक्ष चुनाव की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाई थी.