गॉल्फ फेडरेशन पर पीटी उषा और खेल मंत्रालय आमने-सामने, लगाया ये आरोप

PT Usha: गॉल्फ के मुद्दे के साथ पीटी उषा ने दूसरे खेल संघों का मामला भी सामने ला दिया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
PT Usha

खेल मंत्रालय से लिखी गई एक चिट्ठी पर भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने एक तीखा जवाब लिखा है (जो NDTV के पास भी है) और खेल मंत्रालय पर पारदर्शिता और गुड गवर्नेंस की पॉलिसी नहीं अपनाने का आरोप लगाया है. इसी खत में पीटी उषा ने ये भी लिखा है कि मंत्रालय के अधिकारी खेल मंत्री से तथ्य छिपाते हैं.

दरअसल ये सारा मसला भारतीय गॉल्फ संघ (IGU- Indian Golf Union) के चुनाव से जुड़ा है. IGU के दो गुटों ने 15 दिसंबर, 2024 को अलग-अलग चुनाव करवाये. इनमें से एक हरीश शेट्टी गुट का चुनाव 15 दिसंबर को ही भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA)  के भवन में करवाया गया जिसमें 21 राज्यों के गॉल्फ संघों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. जबकि, ब्रिजेन्दर सिंह के गुट में 9 स्टेट असोसिएशंस के अधिकारी आए. IOA  ने 21 राज्य संघों की नुमाइंदगी वाली गॉल्फ संघ के चुनाव (हरीश शेट्टी गुट) को मान्यता दी जबकि खेल मंत्रालय ने 9 स्टेट असोसिएशन (ब्रिजेन्दर सिंह गुट) वाली गुट को.

उषा का करारा  जवाब

इस साल की शुरुआत में 2 जनवरी को खेल मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी ने पीटी उषा और IOA  को खत लिखा और कहा कि हरीश शेट्टी गुट के चुनाव को कानूनी मान्यता नहीं मिल सकती है. पीटी उषा ने इसी खत के जवाब में लिखा है कि खेल मंत्रालय का खत ना तो कानूनी प्रक्रिया को अपनाते हुए लिखा गया है ना ही उसमें फैक्ट्स या तथ्य सही हैं. राज्य सभा सदस्य और आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा ने खत में लिखा है, "सर, जब से मैंने IOA का कार्यभार संभाला है तब से साफ है कि मंत्रालय के अधिकारी आपको (खेल मंत्री को) सही तथ्य नहीं बताते हैं."

Advertisement

पीटी उषा ने लिखा है कि मंत्रालय गॉल्फ संघ के जिस गुट (ब्रिजेन्दर सिंह गुट) को मान्यता दे रहा है, IGU के संविधान के आर्टिकल 22 के मुताबिक, उनके एजीएम में न्यूनतम कोरम मेन्टेन नहीं था. यानी ब्रिजेन्दर सिंह के गुट ने चुनाव के लिए जो AGM  बुलाया था उसमें ज़रूरत के मुताबिक कम से कम 10 सदस्य नहीं थे. जबकि, उषा के मुताबिक हरीश शेट्टी के गुट में 31 में से 21 सदस्य मौजूद थे.

Advertisement

खेल संघों के साथ दोहरा व्यवहार

इस खत में गॉल्फ के मुद्दे के साथ पीटी उषा ने दूसरे खेल संघों का मामला भी सामने ला दिया. उषा ने लिखा है कि कई खेल संघ, मसलन भारतीय कुश्ती संघ के साथ भी खेल मंत्रालय के अधिकारी दोहरा व्यवहार कर उसकी ऑटोनमी को कम कर रहे हैं (और ये IOC के चार्टर के खिलाफ जाता है). 

Advertisement

Add image caption here

उन्होंने ये भी लिखा है कि IGU के चुनाव को मान्यता देने में खेल मंत्रालय ने त्वरित गति दिखाई है जबकि भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव दिसंबर 2023 में, UWW  यानी अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती संघ के निर्देशन में हुए, फिर भी उन्हें मान्यता मिलने में देरी हो रही है.

Advertisement

उड़नपरी उषा ने मंत्रालय से ब्रिजेन्द्र सिंह की मान्यता वाले खत को वापस लेने की गुजारिश की है. उन्होंने मंत्रालय को ऐसा करने के लिए 2011 के नेशनल स्पोर्ट्स कोड का भी हवाला दिया है और लिखा है, "स्पोर्ट्स कोड को सेलेक्टिव तरीके से अपनाना स्पोर्ट्स गवर्नेंस और पारदर्शिता के पहलू को कमतर करता है."

Featured Video Of The Day
Maha Kumbh 2025: Adani किचन से महाप्रसाद रोजाना लाखो श्रद्धालुओं तक कैसे पहुंच रहा | NDTV India
Topics mentioned in this article