प्रजनेश गुणेश्वरन ने पेशेवर टेनिस को कहा अलविदा, 2018 में एशियन गेम्स में भारत को दिलाया था ब्रॉन्ज मेडल

Prajnesh Guneshwaran: एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता प्रजनेश गुणेश्वरन ने शुक्रवार को पेशेवर टेनिस से संन्यास की घोषणा की. उन्होंने जकार्ता में एशियाई खेलों 2018 में एकल कांस्य पदक जीता था.

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Prajnesh Guneshwaran: प्रजनेश गुणेश्वरन ने पेशेवर टेनिस से संन्यास की घोषणा की.

एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता प्रजनेश गुणेश्वरन ने शुक्रवार को पेशेवर टेनिस से संन्यास की घोषणा की. जकार्ता एशियाई खेलों 2018 में एकल कांस्य पदक जीतने वाले 35 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा,"मैं खेल को अलविदा कह रहा हूं. धन्यवाद." गुणेश्वरन 2019 में एटीपी रैंकिंग में अपने सर्वश्रेष्ठ 75 वें पायदान पर पहुंचे थे. उन्होंने कई सालों तक शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होने के लिए आभार व्यक्त किया.

गुणेश्वरन ने कहा,"मैं जब यह लिख रहा हूं तो मेरा दिल कृतज्ञता, गर्व और पुरानी यादों के स्पर्श से भर रहा है. आज, मैं आखिरी बार प्रतिस्पर्धी टेनिस कोर्ट से बाहर निकल रहा हूं." उन्होंने लिखा,"तीन दशकों से अधिक समय से, यह खेल मेरा जीवन, मेरा सबसे बड़ा शिक्षक और मेरा सबसे वफादार साथी रहा है. पहली बार रैकेट पकड़ने से लेकर बड़े टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व करने तक की यात्रा मेरे लिए असाधारण रही है."

चेन्नई में जन्मा यह खिलाड़ी 2010 में पेशेवर बना था. एकल मैचों में उनके जीत-हार का रिकॉर्ड 11-28 है जबकि युगल में उनका रिकॉर्ड 1-1 का रहा हे. उनकी सर्वोच्च युगल रैंकिंग 248 थी जो उन्होंने 2018 में हासिल की थी. गुणेश्वरन को सभी चार ग्रैंड स्लैम में खेलने का अनुभव है. वह हालांकि सभी मौकों पर शुरुआती दौर में हार गए. उन्होंने 2019 में चारो ग्रैंड स्लैम में चुनौती पेश करने के बाद 2020 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन में दूसरी बार भाग लिया था.

उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा,"पसीने की हर बूंद, हर जीत, हर असफलता, यह सब इस ताने-बाने में बुना हुआ है कि मैं कौन हूं. टेनिस ने मुझे अनुशासन, जज्बा और बड़े सपने देखने का हौसला दिया." उन्होंने लिखा,"इस खेल ने मुझे देश की सीमाओं से परे दोस्त और ऐसी यादें दी है जो मेरे साथ जीवन भर बनीं रहेंगी. इसने मुझे एक खिलाड़ी के साथ एक अच्छा इंसान बनने में मदद की."

चेन्नई के इस खिलाड़ी ने एटीपी चैलेंजर टूर और आईटीएफ फ्यूचर टूर पर एकल में अच्छी सफलता हासिल की. एटीपी चैलेंजर टूर में उनका रिकॉर्ड 2-7 जबकि आईटीएफ फ्यूचर टूर पर 9-9 का रहा है. उन्होंने अपने करियर में  मिस्र एफ25 (शर्म अल शेख, आईटीएफ फ्यूचर टूर) के रूप में इकलौता युगल खिताब जीता है.

गुणेश्वरन की शीर्ष 20 खिलाड़ी के खिलाफ सबसे बड़ी जीत 2019 में आई जब उन्होंने इंडियन वेल्स मास्टर्स के दूसरे दौर में जॉर्जिया के तत्कालीन 18वीं रैंकिंग वाले निकोलोज बेसिलाशविली को हराया. उन्होंने लिखा,"मेरे कोचों, टीम के साथियों और सबसे बढ़कर मेरे परिवार के लिए , आप मेरे लिए रीढ़ की हड्डी की तरह रहे हैं. मैं करियर में उतार-चढ़ाव के दौरान अपना हौसला बढ़ाने के लिए प्रशंसकों का तहेदिल से आभारी हूं." उन्होंने कहा,"जिस खेल ने मुझे सब कुछ दिया मैं उस खेल का हृदय से ऋणी हूं. जीवन भर के सफर के लिए धन्यवाद, टेनिस."

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