Paris 2024 Olympic Medal Table: पाकिस्तान (Pakistan at Paris Olympics) के अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक पुरुष भाला फेंक प्रतियोगिता में 92.97 मीटर के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया. नदीम ने अपने अंतिम प्रयास में 91.79 मीटर के एक और शानदार थ्रो के साथ इस टूर्नामेंट का समापन किया. इस इवेंट में भारत के नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर के साथ अपने करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया और सिल्वर मेडल अपने नाम किया. इसके साथ ही इस बात के चांस काफी बढ़ गए हैं कि पाकिस्तान मेडल टैली में भारत से ऊपर रैंक करे. यह पाकिस्तान के ओलंपिक इतिहास का पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल था. पाकिस्तान का यह एकमात्र मेडल ही उसको पेरिस ओलंपिक की मेडल टैली में भारत से ऊपर स्थान दिलाने के लिए काफी है. भारत ने पेरिस ओलंपिक में 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज समेत 6 मेडल जीते हैं. पाकिस्तान की ओर से सिर्फ एक मेडल आया है, लेकिन यह गोल्ड मेडल है. ओलंपिक मेडल टैली में जब रैंकिंग की बात आती है, तो मेडल की संख्या नहीं, मेडल का कलर ज्यादा मायने रखता है.(पूरा मेडल टैली)
भले ही किसी देश ने कितने ही सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल ज्यादा जीते हों, मेडल टैली में एक गोल्ड मेडल को सबसे ऊपर माना जाता है. इसलिए पाकिस्तान भारत (India at Paris Olympics 2024) की तुलना में, संख्या में कम मेडल हासिल करने के बावजूद मेडल टैली में आगे है. यह 32 साल में पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान ओलंपिक में भारत से मेडल टैली में ऊपर है.
1960 में रोम ओलंपिक में पाकिस्तान ने मारी थी बाजी
पाकिस्तान इससे पहले कुछ मौकों पर ओलंपिक मेडल टैली में भारत से ऊपर रह चुका है. पाकिस्तान ने 1960 में रोम ओलंपिक में 1 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था. भारत तब एक ही सिल्वर मेडल लेकर आ पाया था. इस ओलंपिक में पाकिस्तान की रैंक 20 और भारत की 32 थी.
1968 के मैक्सिको ओलंपिक में पाकिस्तान, भारत से आगे रहा
ऐसे ही 1968 के मैक्सिको ओलंपिक में भी पाकिस्तान को एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल मिला. पाकिस्तान के 29वें स्थान की तुलना में भारत सिर्फ एक ब्रॉन्ज मेडल के साथ 42वें स्थान पर रहा था. 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में पाकिस्तान ने एक सिल्वर मेडल जीता और वह 33वें स्थान पर रहा। भारत हालांकि एक ब्रॉन्ज ही हासिल कर पाया और 43वें स्थान पर रहा.
1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में पाकिस्तान, भारत से आगे रहा
इसके बाद 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में पाकिस्तान ने 1 गोल्ड मेडल जीतकर 25वां स्थान हासिल किया, लेकिन भारत अपना खाता भी नहीं खोल पाया था. 1988 और 1992 के क्रमशः सियोन और बार्सिलोना ओलंपिक में भी पाकिस्तान ने 1-1 ब्रॉन्ज मेडल जीता, लेकिन भारत एक भी मेडल नहीं जीत सका था.
भारत 71वें नंबर पर
पाकिस्तान 62वें नंबर पर रहा, एक गोल्ड मेडल
ओलंपिक में मेडल टैली में रैंकिंग किस आधार पर की जाती है
इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी ने मेडल टैली की रैंकिंग को गोल्ड मेडल की संख्या के आधार पर तय की है. गोल्ड मेडल जीतने के आधार पर देशों की रैंकिंग की जाती है. इसके बाद सिल्वर और फिर ब्रॉन्ज मेडल को देखकर रैंकिंग तय की जाती है. जैसे ही यहां पाकिस्तान के साथ हुआ है. पाकिस्तान ने एक ही मेडल जीते लेकिन वह भी गोल्ड मेडल, वहीं, दूसरी ओर भारत के खाते में 6 मेडल रहे लेकिन एक भी गोल्ड नहीं है. जिसके कारण पाकिस्तान को यहां फायदा मिला और वह भारत के मेडल टैली में आगे रहा है.
गोल्ड मेडल जीतने पर रैंकिंग में होता है सुधार
किसी देश के पास जितने भी मेडल क्यों ने हो अगर गोल्ड नहीं होगा तो उस देश की रैंकिंग गोल्ड जीतने वाले देश से पीछे रहेगी. एक और उदाहरण को देखा जाएगा तो चीन ने इस ओलंपिक में कुल 91 मेडल जीते जिसमें 40 गोल्ड हैं. चीन नंबर वन पर काबिज है. वहीं, अमेरिका ने कुल 123 मेडल अपने नाम किए लेकिन गोल्ड उसके पास 38 हैं जिसके कारण ही चीन ने रैंकिंग के आधार पर पाकिस्तान को पछाड़ दिया. पेरिस ओलंपिक रैंकिंग में पाकिस्तान 62वें नंबर पर है तो वहीं भारत 71वें नंबर पर रहा.