भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल मैच में ग्रेट ब्रिटेन को हराकर जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाई है. भारतीय टीम की कोशिश अब सेमीफाइनल में जीत दर्ज करके गोल्ड मेडल अपने नाम करने पर होगी. भारतीय टीम टोक्यो ओलंपिक में भी सेमीफाइनल में पहुंची थी. वहीं भारत की इस जीत के बाद महान हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै ने कहा कि सालों बाद इतनी अच्छी हॉकी देखने के बाद उनको यह यकीन हो गया है कि भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक में 44 साल बाद स्वर्ण पदक अपने नाम करेगी.
धनराज पिल्लै ने कहा,"मेरे आंसू ही नहीं रूक रहे थे , बरसों बाद इतनी अच्छी हॉकी देखी और अब मुझे यकीन हो गया है कि यह टीम 44 साल बाद हमें ओलंपिक का स्वर्ण दिला सकती है." भारतीय टीम ने दस खिलाड़ियों तक सिमटने के बावजूद पेरिस ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में पेनल्टी शूटआउट में ब्रिटेन को 4 -2 से हराया तो टीवी के सामने नजरें गड़ाये बैठे धनराज जैसे दिग्गज भी खुशी से उछल पड़े.
चार ओलंपिक और चार विश्व कप खेल चुके धनराज ने भाषा से बातचीत में कहा,"मेरी आंखों से आंसू अपने आप टपक गए. सिडनी ओलंपिक 2000 के बाद ऐसा मैच पहली बार देखा. श्रीजेश गोलपोस्ट के सामने दीवार की तरह खड़ा था और जितने उसने बचाव किये हैं, वह चमत्कार से कम नहीं."
उन्होंने कहा,"मैच देखते समय मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे. मैं इतना खुश हुआ कि पेनल्टी शूटआउट में भारत के चौथे गोल के बाद जोर से चिल्लाने लगा. लोग मुझे बोलने लगे कि अरे बिल्डिंग वाले बाहर निकल आयेंगे लेकिन मैं इतना खुश था कि बता नहीं सकता." धनराज ने कहा,"बहुत साल बाद मैने मैच का पूरा मजा लिया । एक मिनट के लिये भी जगह से नहीं हटा."
अपनी भावनाओं पर काबू करने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा,"इस प्रदर्शन की तारीफ के लिये मेरे पास शब्द नहीं है. 42 मिनट क्वार्टर फाइनल दस खिलाड़ियों के साथ खेलना आसान नहीं था. हम रक्षात्मक हुए लेकिन वह जरूरी था. जिस तरीके से श्रीजेश और हमारे डिफेंडरों ने आज खेला और पेनल्टी शूट आउट में चारों ने कमाल का कौशल दिखाया."
सेमीफाइनल के लिये टीम को क्या सलाह देंगे, यह पूछने पर उन्होंने कहा,"मैं यही सलाह दूंगा कि इसी तरह खेले और खुद पर कोई दबाव नहीं डाले. इस टीम ने जैसे ये छह मैच खेले हैं , मुझे पूरा यकीन है कि 44 साल बाद यह हमें ओलंपिक स्वर्ण पदक दिला सकती है."
उन्होंने कहा,"इस टीम में वह सब कुछ है जो ओलंपिक चैम्पियन बनने के लिये चाहिये. खिलाड़ियों के साथ ही कोचिंग स्टाफ में क्रेग फुल्टोन और शिवेंद्र सिंह को मैं देख रहा था कि कितने ऊर्जा से भरपूर थे और लगातार खड़े होकर निर्देश दे रहे थे."
अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे श्रीजेश को उन्होंने भारत के महानतम खिलाड़ियों की सूची में रखते हुए कहा,"भारतीय हॉकी ने कई महान खिलाड़ी दिये हैं लेकिन श्रीजेश को लीजैंड की श्रेणी में रखूंगा. उनके जैसा खिलाड़ी एक पीढी में एक आता है."
आखिरी पूल मैच में आस्ट्रेलिया को ओलंपिक में 52 साल बाद शिकस्त देने के बाद श्रीजेश ने कहा था कि वह इस पीढी के खिलाड़ियों के धनराज पिल्लै हैं. धनराज ने कहा,"मेरे लिये यह बहुत बड़ा काम्पलिमेंट है. अगर कोई मेरे योगदान को इस तरह सराह रहा है और वह भी श्रीजेश जैसा खिलाड़ी तो बहुत गर्व की बात है. अब इस टीम को श्रीजेश और मनप्रीत सिंह के लिये स्वर्ण जीतना चाहिये."