भारत के मुख्य डिफेंडर अमित रोहिदास के पेरिस ओलंपिक के मंगलवार को होने वाले महत्वपूर्ण पुरुष हॉकी सेमीफाइनल में भाग लेने पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि रविवार को अंतिम आठ के मैच में ब्रिटेन के खिलाफ उन्हें रेड कार्ड दिखाया गया. रोहिदास की स्टिक अनजाने में प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी से छू गई थी और उन्हें रेड कार्ड दिखा दिया गया.
हॉकी में अंपायर अपनी रिपोर्ट तकनीकी प्रतिनिधि को देगा जो फुटेज देखकर तय करेगा कि फाउल जानबूझकर किया गया था या नहीं. अगर फाउल जानबूझकर किया गया था तो रोहिदास सेमीफाइनल से बाहर हो जाएंगे और यह भारतीयों के लिए एक बड़ा झटका होगा. एक अधिकारी ने कहा,"फैसला घटना की गंभीरता पर निर्भर करेगा."
भारत के मुख्य कोच फुल्टोन ने कहा कि वह अपने खिलाड़ी का पूरा समर्थन करेंगे, लेकिन इस समय उन्हें यकीन नहीं है कि स्थिति किस वजह से पैदा हुई. उन्होंने कहा,"मुझे इस पर गौर करना होगा. उससे बात करनी होगी. लेकिन जाहिर है, अगर किसी के सिर पर लगता है, तो कुछ गड़बड़ है. लेकिन मैं अमित का साथ दूंगा." फुल्टोन ने कहा,"आपको हमेशा यह देखना होगा कि कहां गलती हुई. इसलिए ऐसा होने से पहले क्या हुआ, हम बस उसी पर गौर करेंगे."
हॉकी इंडिया ने जाहिर की चिंता
हॉकी इंडिया ने रविवार को पेरिस ओलंपिक खेल 2024 की हॉकी स्पर्धा में आधिकारिक तौर पर अंपायरिंग की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की. यह शिकायत भारत और ब्रिटेन के बीच क्वार्टरफाइनल मैच से संबंधित थी जिसमें अंपायरिंग के कई फैसलों ने मैच के परिणाम को प्रभावित किया. इस मैच में अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास को 18वें मिनट में रेडकार्ड मिलने के बाद भारत को लगभग तीन क्वार्टर दस खिलाड़ियों के साथ ही खेलना पड़ा.
हॉकी इंडिया ने कई प्रमुख मुद्दों को शामिल किया. इस शिकायत में हॉकी इंडिया ने तीन अहम बिंदुओं में रोहिदास को रेड कार्ड दिखाये जाने के संबंध में असंगत वीडियो अंपायर समीक्षा प्रणाली का जिक्र किया, साथ ही शूटआउट के दौरान गोलकीपर को कोचिंग और गोलकीपर द्वारा वीडियो टेबलेट के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाए.
हॉकी इंडिया ने इसमें कहा,"इस फैसले ने वीडियो समीक्षा प्रणाली पर भरोसा खत्म कर दिया." इसमें कहा गया,"शूट आउट के दौरान गोलपोस्ट के पीछे से गोलकीपर को कोचिंग देना और शूट आउट के दौरान गोलकीपर द्वारा वीडियो टैबलेट का उपयोग करना."
उसने कहा,"इन घटनाओं ने खिलाड़ियों, कोचों और प्रशंसकों के बीच अंपायरिंग प्रक्रिया में विश्वास को कम कर दिया है. हॉकी इंडिया खेल की अखंडता को बनाए रखने और भविष्य के मैचों में निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करने के लिए इन मामलों की गहन समीक्षा का आह्वान करता है."
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(भाषा इनपुट के साथ)














