Olympics 2020: हाल ही में ओलिंपिक में पदक जीतकर करोड़ों भारतीयों को गौरवान्वित करने वाले सातों एथलीट वापस स्वदेश लौट आए हैं. और इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर इन सातों पदकवीरों का ऐसा जोरदार स्वागत हुआ है, जो वह अपने जीवन में कभी नहीं भूलेंगे. हवाई अड्ड़े पर इनके आने से पहले ही करीब दो घंटे पहले से ही लोगों का जवामवाड़ा लगा हुआ था. वहीं बड़ी संख्या में पत्रकार भी इन्हें कवर करने पहुंचे हुए थे. और हवाई अड्डे के बाह आने बाद खिलाड़ियों को जो स्वागत मिला, जो भीड़ उमड़ी, उसने सभी को हैरान कर दिया. यह बताता है कि भारतीय जनमानस अपने खेल नायकों का कितना ज्याादा सम्मान करता है. और कैसे इन पदकों का असर भारतीयों पर पड़ रहा है.
निश्चित ही, जैसी तस्वीरों आयीं, उसका बड़ा असर युवाओं और बच्चों पर पड़ने जा रहा और यह भारतीयों खेलों पर जरूर असर डालेगा. वीपी सिंधु और मीराबाई चानू को छोड़कर सभी पांचों पदकवीर और दोनों हॉकी टीमें हवाई अड्डे से सीधे अशोक होटल चले गए, जहां एक समारोह में खिलाड़ियों का सम्मान किया गया. इस समारोह में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व खेल और वर्तमान कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने हिस्सा लिया. इस दौरान खिलाड़ियों ने अपने-्अपने अनुभव साझा किया. इस दौरान सभी की नजरें स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा पर रहीं और वह कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र रहे.
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समारोह में खिलाड़ियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किया, वहीं स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने कहा कि यह उनका नहीं बल्कि पूरे देश का पदक था. जैसे ही उन्होंने यहा कहा, सभी ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया. नीरज बोले कि मैं पिछले दो दिन से यह पदक अपनी जेब में लिए घूम रहा हूं. किरेन रिजिजू के कहने पर नीरज ने दोबारा पदक को जेब से निकालकर वहां उपस्थित तमाम लोगों और मीडिया को दिखाया. खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी नीरज से सवाल पूछा. कार्यक्रम में नीरज के अलावा पहलवान बजरंग पुनिया, रवि दहिया और गोलची श्रीजैश सहित ज्यादा खिलाड़ियों ने कार्यक्रम होस्ट के सवालों के जवाब दिए. जब श्रीजैश से पूछा गया कि क्या वह 'हॉकी की दीवार' के टैग को महिला गोलची सविता के साथ साझा करना चाहेंगे, पर इस खिलाड़ी ने कहा कि मैं इसे साझा नहीं करूंगा. यह टैग वह सविता को ही देंगे. श्रीजैश के इस जवाब ने सभीका दिल जीत लिया और खेलमंत्री अनुराग ठाकुर भी ताली बजाते देखे गए.
इससे पहले हवाई अड्डे पर जरूरी प्रक्रिया करने में ही इन सातों खिलाड़ियों को खासा समय लगा. प्रक्रिया पूरी करने में खिलाड़ियों को करीब एक से डेढ़ घंटे का समय लगा. इस दौरान हवाई अड्डे के बाहर ढोल-थाप और नगाड़ों की आवाज लगातार जारी रही. और खिलाड़ियों के रिश्तेदार, कोच, यार-दोस्त और परिचित भी काफी पहले से ही इनके स्वागत के लिए वहां मौजूद थे.
पदकवीरों में सबसे पहले बाहर आने वालों में पहलवान रवि दहिया रहे. और उन्हें देखते ही भीड़ से भारत माता की जय के नारों से माहौल गूंजायमान हो उठा. रवि दहिया को लोगों ने कंधों पर बैठा लिया और देखते ही देखते उनका गला मालाओं से भर गया. ये ऐसे विजुअल रहे, जो इससे पहले शायद 2007 टी20 विश्व कप के फाइनल में पाकिस्तान को मात देने के बाद टीम धोनी को नसीब हुए थे. तब टीम को मुंबई हवाई अड्डे से ही ऊंची गाड़ी में बैठाकर वानखेड़े स्टेडियम लाया गया था, लेकिन ओलंपियनों को अलग तरह का ही स्वागत मिला.
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जिस तरह रवि दहिया को लोगों ने कंधों पर उठा लिया, मालाओं से लाद दिया, ऐसे विजुअल पहले शायद ही खिलाड़ियों के लिए देखे गए. नीरज चोपड़ा जब हवाई अड्डे से बाहर आए, तो उनका गाड़ी में बैठना भारी पड़ गया. नीरज को चारों तरफ से उनके चाहने वालों और सुरक्षाकर्मियों ने घेर रखा था.
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