Olympic 2020: कुछ ऐसे रवि दहिया ने कुश्ती के 57 किग्रा भार में फाइनल में बनायी जगह

Olympics 2020: आखिरी पलों में दहिया ने जुझारू प्रदर्शन करते हुए वापसी की और इस प्रदर्शन ने भारत के लिए रजत पदक सुनिश्चित कर दिया. इससे पहले रवि दहिया ने बुधवार को इसी वर्ग के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. चौथी वरीय दहिया ने बुल्गारिया के जर्जोई वैलाएनतिनोव को को 14-4 से एकतरफा मुकाबले में हराकर अंतिम चार में जगह बनाई थी. 

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Olympic 2020: रवि दहिया ने भारत के लिए एक और रजत सुनिश्चित किया
तोक्यो:

भारतीय पहलवान रवि दहिया ने आज बुधवार को जारी ओलंपिक महाकुंभ में करोड़ों भारतीयों को खुशियां प्रदान करते हुए 57 किग्रा फ्री-स्टाइल कुश्ती वर्ग के फाइनल में जगह बनाकर देश के लिए एक और रजत पदक  सुनिश्चित कर दिया है. रवि दहिया ने कजाखस्तान के नुरिसलमाम सानायेव को को हराकर फाइनल में जगह बनायी. दरिया अब वीरवार को फाइनल में स्वर्ण पदक की लड़ायी लड़ेंगे.  बता दें कि साल 2012 से दहिया फाइनल में जगह बनाने वाले दूसरे भारतीय पहलवान हैं. 
पहले राउंड में दहिया ने 2-1 की बढ़त हासिल कर ली थी और इस बढ़त ने सानायेव पर पूरी तरह से दबाव बना दिया था. सानायेव ने बहुत ही शानदार वापसी की और उन्होंने दहिया की बढ़त को खत्म कर दिया. और इसके बाद दबाव भारतीय पहलवान पर था. 

अल्जीरिया के अब्देलहक खेरबाचे को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराने वाले वेंगलोव के खिलाफ दहिया ने अपना शानदार फॉर्म जारी रखते हुए शुरू से ही दबाव बनाये रखा. चौथे वरीय इस भारतीय पहलवान ने उरबानो के खिलाफ मुकाबले में लगातार विरोधी खिलाड़ी उसके दायें पैर पर हमला किया और पहले पीरियड में ‘टेक-डाउन' से अंक गंवाने के बाद पूरे मुकाबले में दबदबा बनाए रखा. गत एशियाई चैंपियन दाहिया ने उस समय 13-2 से जीत दर्ज की जबकि मुकाबले में एक मिनट और 10 सेकेंड का समय और बचा था. भारतीय पहलवान ने दूसरे पीरियड में पांच टेक-डाउन से अंक जुटाते हुए अपनी तकनीकी मजबूती दिखाई.

इससे पहले खेले गए सेमीफाइनल में चौथी वरीयता प्राप्त दहिया एक समय 2-9 से पीछे थे लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए अपने विरोधी के दोनों पैरों पर हमला किया और उसे कसकर पकड़ लिया. इसके बाद उसे जमीन पर पटखनी देकर मुकाबला जीत लिया. दहिया ने इससे पहले दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते थे. पहले दौर के बाद दहिया के पास 2-1 की बढत थी लेकिन सानायेव ने उनके बायें पैर पर हमला बोलकर तीन बार उन्हें पलटने पर मजबूर करते हुए छह अंक ले लिए. ऐसा लग रहा था कि दहिया हार कीतरफ बढ रहे हैं, लेकिन संयम नहीं खोते हुए उन्होंने एक मिनट में बाजी पलट दी. गत एशियाई चैंपियन दाहिया ने उस समय 13-2 से जीत दर्ज की जबकि मुकाबले में एक मिनट और 10 सेकेंड का समय और बचा था. भारतीय पहलवान ने दूसरे पीरियड में पांच टेक-डाउन से अंक जुटाते हुए अपनी तकनीकी मजबूती दिखाई.

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बता दें कि के डी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलिंपिक में कांस्य पदक जीता था, उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया. सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने कांस्य जीतकर बराबरी की. लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था. वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था.

VIDEO: लवलीना ने बुधवार को कांस्य पदक जीता. ​

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