बजरंग पुनिया को लगा बड़ा झटका, NADA ने इस वजह से किया सस्पेंड, खतरे में ओलंपिक की दावेदारी

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. नाडा के इस कदम से बजरंग के पेसिर ओलिपंक की दावेदारी पर खतरा पैदा हो गया है.

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राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया. नाडा का यह कदम बजरंग पुनिया के लिए बड़ा झटका है क्योंकि इससे इस साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में उनकी भागीदारी खतरे में पड़ गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, पुनिया 10 मार्च को सोनीपत में चयन ट्रायल के लिए अपने पेशाब का नमूना देने में विफल रहे, जिसके बाद नाडा ने उन्हें भविष्य के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने से निलंबित करने का आदेश जारी किया.

बता दें, बीते साल दिसंबर में बजरंग ने एक वीडियो जारी कर डोप कलेक्शन किट के एक्सपायर होने का आरोप लगाया था. बजरंग ने इसके बाद सोनीपत में हुए चयन ट्रायल के दौरान डोप नियंत्रण अधिकारी के निर्देश की अवहेलना की और दावा किया कि नाडा अधिकारियों ने अभी तक उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया है

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बजरंग के खिलाफ एक्शन लेने पर नाडा ने एक प्रेस रिलीज जारी की है. प्रेस रिलीज के अनुसार,"पैराग्राफ 4:1:2 के अधीन और एनएडीआर 2021 के अनुच्छेद 7.4 के अनुसार, बजरंग पुनिया को इस मामले में सुनवाई में अंतिम निर्णय से पहले किसी भी प्रतियोगिता या गतिविधि में भाग लेने से तुरंत अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है."

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बता दें, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के साथ उन पहलवानों में शामिल थे, जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था.  टोक्यो ओलंपिक में देश को कांस्य पदक दिलाने वाले पुनिया के निलंबित होने के चलते इस महीने के अंत में होने वाले चयन ट्रायल में भाग लेने से रोक दिए जाने की संभावना है. 65 किग्रा वर्ग में अभी तक किसी भी भारतीय ने ओलंपिक कोटा नहीं जीता है. सुजीत कलकल विश्व क्वालीफायर में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो 9 मई को इस्तांबुल में शुरू होने वाला है।

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बजरंग पुनिया का निलंबन नोटिस, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मान्यता प्राप्त फेडरेशन के विपरीत भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की अब निष्क्रिय तदर्थ समिति को संबोधित किया गया था. वहीं डोप एकत्र करने वाले अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार, वह बिना सैंपल दिए चले गए. इस दौरान उन्हें बताया गया था कि ऐसा ना करने पर डोपिंग रोधी नियमों को तोड़ने के लिए उन्हें चेतावनी दी जाएगी.

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डीसीओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा,"अपने समर्थकों से घिरे पुनिया ने लगातार अपना बयान दोहराया और डोप सैंपल देने से इनकार करते हुए तुरंत कार्यक्रम स्थल से चले गए." पुनिया को सहायक दस्तावेज और पेशाब का नमूना जमा करने से इनकार करने के लिए 7 मई तक लिखित स्पष्टीकरण पेश करने के लिए कहा गया था.

इस पत्र में कहा गया है,"यदि आप परिणामों को स्वीकार करते हैं, तो अपील के अधिकार के अधीन, मामले को आगे की अनुशासनात्मक कार्यवाही के बिना हल किया जाएगा. यदि आप असहमत हैं, तो मामले को डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल को निर्णय के लिए भेजा जाएगा."

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