Chirag Sen: अपने प्रतिभाशाली छोटे भाई लक्ष्य सेन के साए में जीने के बाद चिराग सेन आखिर में सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पुरुष एकल का खिताब जीतने में सफल रहे और उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी. लक्ष्य सेन कभी राष्ट्रीय चैंपियनशिप नहीं जीत पाए लेकिन उनके बड़े भाई चिराग ने रविवार को फाइनल में चौथी वरीयता प्राप्त एम थारुन को 21-14 13-21 21-9 से हराकर गुवाहाटी में राष्ट्रीय खिताब जीता. कीनिया अंतरराष्ट्रीय चैलेंज 2020 का खिताब जीतने वाले चिराग ने पीटीआई से कहा,‘‘यह (राष्ट्रीय चैंपियनशिप का) खिताब थोड़ी देर से मिला लेकिन आखिर में इस जीत से मैं बहुत खुश हूं.
पिछले तीन-चार महीनों से मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं लेकिन अब यह ट्रॉफी जीतने में सफल रहा. अब मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उत्साहित हूं.'' पिछले कुछ वर्षों से घरेलू सर्किट में खेलने वाले 25 वर्षीय चिराग ने स्वीकार किया कि उनके करियर को आगे बढ़ाने में लक्ष्य सेन ने महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कहा,‘‘ हम दोनों के बीच बहुत अच्छा रिश्ता है. हमारे लिए अभी तक का सफर बहुत अच्छा रहा है. हम अकादमी में एक साथ रहे और हमने एक दूसरे की देखरेख की। मेरे करियर को आगे बढ़ाने में उसने महत्वपूर्ण योगदान दिया.''
चिराग ने कहा, ‘‘डेनमार्क में शिविर के दौरान मैं उसके साथ सहयोगी के रूप में गया था और वहां मेरा काफी आत्मविश्वास बढ़ा. मुझे यह अहसास हुआ कि मैं भी विश्व में शीर्ष 30 में शामिल खिलाड़ियों को हरा सकता हूं और इसके लिए मुझे मैचों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा.'' चिराग ने जहां राष्ट्रीय चैंपियनशिप का खिताब जीता वहीं लक्ष्य क्वार्टर फाइनल में भरत राघव से हार गए थे लेकिन वह अपने बड़े भाई का समर्थन करने के लिए वहीं रुके रहे.
चिराग ने कहा,‘‘वह मेरे फाइनल मैच का इंतजार करता रहा. सेमीफाइनल और फाइनल के दौरान वह और मेरे पिताजी मेरा हौसला बढ़ाते रहे. इससे मुझे प्रेरणा और काफी मदद मिली.''