- लियोनेल मेस्सी के कोलकाता दौरे के दौरान साल्ट लेक स्टेडियम में भारी अराजकता और फैंस का विरोध प्रदर्शन हुआ
- मेस्सी ने स्टेडियम का पूरा चक्कर नहीं लगाया और निर्धारित समय से पहले ही बाहर चले गए, जिससे फैंस नाराज हुए
- टिकट के दाम चार हजार पांच सौ से दस हजार रुपये तक थे, लेकिन फैंस को मेस्सी की साफ झलक नहीं मिल सकी
Lionel Messi Event Organiser arrested: फुटबॉल के दीवानों के लिए जो जीवन का सबसे सुखद अनुभव हो सकता था, वह शनिवार को बुरी याद में बदल गया क्योंकि बड़ी रकम खर्च कर टिकट खरीदने के बावजूद हजारों फैंस ने अर्जेंटीना के दिग्गज लियोनेल मेस्सी की एक साफ झलक नहीं मिल पाने से निराशा में यहां साल्ट लेक स्टेडियम के अंदर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. मेस्सी का विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन का बहुप्रचारित दौरा 2011 के बाद इस मैदान पर उनकी यह पहली उपस्थिति थी लेकिन यह एक अव्यवस्थित घटना बन गई. फैंस की भीड़ द्वारा सुरक्षा घेरा तोड़ने, तोड़-फोड़ और पुलिस के हस्तक्षेप से यह आयोजन फीका पड़ गया. इस कार्यक्रम को फुटबॉल के महानतम वैश्विक सितारों में से एक के उत्सव के रूप में प्रचारित किया गया था लेकिन यह पूरी तरह से अराजकता में बदल गया. वहीं न्यूज एजेंसी पीटीआई ने कोलकाता के डीजीपी राजीव कुमार के हवाले से लिखा,"लियोनेल मेस्सी कार्यक्रम में निराश फैंस को आयोजक टिकट की कीमतें वापस करेगा."
अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर लियोनल मेसी के कोलकाता दौरे के दौरान साल्ट लेक स्टेडियम से निकलने के बाद फैंस द्वारा किए गए तोड़-फोड़ के बाद पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार ने कहा है कि फैंस का पैसा वापस किया जाएगा. राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,"फैंस चाहते थे कि लियोनल मेसी मैदान में आएं और खेलें. यह पूर्व निर्धारित योजना का हिस्सा नहीं था. योजना थी कि वह सिर्फ मैदान में आएंगे, भीड़ को हाथ हिलाएंगे और चले जाएंगे. मेसी के मैच नहीं खेलने की वजह से फैंस आक्रोशित हुए. आयोजकों ने हमें लिखकर दिया है कि फैंस का पैसा रिफंड किया जाएगा."
एक झलक को तरसे फैन
विश्व कप विजेता कप्तान मेस्सी अपने लंबे समय के साथी लुई सुआरेज और अर्जेंटीना के टीम के साथी रोड्रिगो डी पॉल के साथ सुबह करीब 11.30 बजे स्टेडियम पहुंचे. उनका वाहन मैदान के एक कोने में पार्क किया गया था. मैदान पर उनके कदम रखते ही वह आयोजकों, मशहूर हस्तियों और सुरक्षा कर्मियों की भीड़ में घिर गए, जिससे गैलरी में बैठे सामान्य दर्शक एक झलक देखने के लिए तरसते रह गए.
मेस्सी ने मैदान पर थोड़ी दूर चहलकदमी की और 'मेस्सी, मेस्सी' के नारों के बीच दर्शक दीर्घा की ओर हाथ हिलाया. फैंस को हालांकि जल्द ही एहसास हो गया कि यह फुटबॉल खिलाड़ी सुरक्षा और आमंत्रित मेहमानों के कड़े घेरे में हैं, जिससे वह गैलरी के बड़े हिस्सों से मुश्किल से दिखाई दे रहे थे. कई लोगों ने शिकायत की कि वह विशाल स्क्रीनों पर भी साफ दिखाई नहीं दे रहे थे.
फैंस की निराशा बढ़ती गयी और जैसे ही यह स्पष्ट हुआ कि अर्जेंटीना का यह स्टार स्टेडियम का पूरा चक्कर नहीं लगाएगा तो 'वी वांट मेस्सी (हमें मेस्सी चाहिए)' के नारे तेज हो गये. मेस्सी पहले से तय स्टेडियम का पूरा चक्कर लगाने की जगह बीच रास्ते से ही वापस मुड़ गए और अपने निर्धारित समय से काफी पहले ही बाहर निकाल लिए गए.
मेस्सी के बाहर निकलते ही फूटा फैंस का गुस्सा
मेस्सी के समय से पहले मैदान से निकलने की खबर फैलते ही दर्शकों का गुस्सा फुट पड़ा. मैदान में बोतलें और फिर प्लास्टिक की कुर्सियां भी फेंकी गईं. प्रायोजक बैनर और होर्डिंग फाड़ दिए गए, बड़ी संख्या में सीटें तोड़ दी गईं और भीड़ ने मैदान के कुछ हिस्सों में जबरन घुसने के लिए बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बढ़ते हंगामे के बीच प्रशंसकों ने राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास और इस कार्यक्रम के आयोजक शताद्रु दत्ता की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारे लगाए. प्रशंसकों ने आयोजकों को इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम के घोर कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने यह भी कहा कि मेस्सी के बाहर निकलने के तुरंत बाद आयोजक (प्रमोटर शताद्रु दत्ता और उनकी टीम) मैदान पर दिखना बंद हो गए तो स्थिति और बिगड़ गई.
लाउडस्पीकर पर अनधिकृत व्यक्तियों को मैदान छोड़ने के लिए बार-बार की गई घोषणाओं का कोई असर नहीं दिखा और गुस्साए प्रशंसक आयोजकों और राज्य खेल विभाग के खिलाफ नारे लगाते रहे. कुछ मिनट के बाद सैकड़ो की संख्या में दर्शक मैदान पर उतर आये. दर्शकों ने अस्थायी टेंट फाड़ दिए और वहां रखे उपकरणों को नुकसान पहुंचाया. पुलिस कर्मियों को विरोध करने वाली भीड़ के बढ़ने से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करना पड़ा. इससे निपटने के लिए स्टेडियम के अंदर द्रुत कार्य बल (आरएएफ) को तैनात करना पड़ा.
4,500 से 10,000 रुपये तक के टिकट
एक नाराज प्रशंसक अजय शाह ने कहा,"यहां एक गिलास कोल्ड ड्रिंक की कीमत 150-200 रुपये है, फिर भी हमें मेस्सी की एक झलक भी नहीं मिली. लोग उन्हें देखने के लिए अपनी एक महीने की तनख्वाह खर्च कर चुके हैं. मैंने टिकट के लिए 5000 रुपये दिए और अपने बेटे के साथ मेस्सी को देखने आया था, नेताओं को नहीं. पुलिस और सैन्यकर्मी सेल्फी ले रहे थे और इसके लिए प्रबंधन जिम्मेदार है. पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं था."
अर्जेंटीना के इस स्टार खिलाड़ी को देखने के लिए 4,500 से 10,000 रुपये तक के टिकट खरीदे थे. इस अराजकता के कारण कार्यक्रम को अचानक रोकना करना पड़ा, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई आमंत्रित गणमान्य व्यक्ति योजना के अनुसार भाग नहीं ले पाए.
सीएम ममता बनर्जी ने मांगी माफी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मेस्सी को निर्धारित समय से पहले स्टेडियम से हटाने के कारण बिगड़ी लेकिन यह बेकाबू नहीं हुई. मेस्सी के स्टेडियम से निकलने के कुछ घंटों बाद, ममता ने कुप्रबंधन पर गहरा सदमा व्यक्त करते हुए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा की. उन्होंने 'एक्स' पर जारी एक पोस्ट में मेस्सी और स्टेडियम आये प्रशंसकों से माफी मांगी. मुख्यमंत्री ने कहा,"आज साल्ट लेक स्टेडियम में जो कुप्रबंधन देखने को मिला, उससे मैं बहुत दुखी और स्तब्ध हूं."
उन्होंने कहा कि विश्व कप विजेता स्टार की एक झलक पाने की उम्मीद में हजारों प्रशंसक स्टेडियम में जमा हुए थे. जांच समिति की अध्यक्षता कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशीष कुमार राय करेंगे. इस समिति में गृह एवं पर्वतीय मामलों के विभाग के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव भी होंगे. ममता ने कहा कि समिति घटना की विस्तृत जांच कर जिम्मेदारी तय करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय सुझाएगी. उन्होंने कहा,"मैं एक बार फिर सभी खेल प्रेमियों से तहे दिल से माफी मांगती हूं."














