India hockey team wins consecutive bronze: भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 20214) के कांस्य पदक मैच में वीरवार को स्पेन को 2-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने यह लगातार दूसरा ओलंपिक मेडल जीता है. इससे पहले भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था. कुल मिलाकर यह ओलंपिक में भारतीय हॉकी के लिए 13वां मेडल है. इस मैच में भारत की जीत के स्टार एक बार फिर कप्तान हरमनप्रीत सिंह रहे, जिन्होंने भारत के दोनों गोल किए.
पहला क्वार्टर: चूक गया भारत
इस मैच में पहले क्वार्टर में कोई भी टीम अपने लिए पेनाल्टी कॉर्नर का मौका नहीं बना पाई. हालांकि इस क्वार्टर के शुरुआती मिनटों में सुखजीत ने फील्ड गोल करने का सुनहरा मौका गंवा दिया. एक मामूली एंगल के साथ उनकी गेंद गोल पोस्ट के बराबर से निकल गई. स्पेन की टीम ने इस दौरान सुरक्षित खेल दिखाया.
Photo Credit: Social media
दूसरा क्वार्टर: भारत को महंगा पड़ा पेनल्टी स्ट्रोक
इसके बाद, दूसरे क्वार्टर में स्पेन को केवल तीन मिनट बाद ही पेनल्टी स्ट्रोक दिया गया, जिसको मार्क मिरालेस ने गोल में तब्दील करके अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया। हालांकि, दूसरे क्वार्टर में भी भारतीय टीम ने गोल करने का एक और मौका गंवाया, जब हार्दिक जरमनप्रीत के शॉट को गोलपोस्ट में भेजने से चूक गए. लेकिन इस क्वार्टर में भारत ने अंतिम मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करके स्कोर को 1-1 से बराबर कर दिया. यह गोल भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने किया.
तीसरा क्वार्टर: कप्तान हरमनप्रीत का सुपर गोल, भारत आगे
तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत सिंह एक बार फिर भारत के लिए गोल करने वाले खिलाड़ी बने, जिन्होंने इस क्वार्टर में 12 मिनट शेष रहते हुए एक और पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर दिया. इसके साथ ही भारत की बढ़त 2-1 हो गई. इसके तुरंत बाद भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इस बार यह गोल में तब्दील नहीं हो पाया.
चौथा क्वार्टर: बेहतरीन डिफेंस, कांस्य हुआ भारत का
चौथे क्वार्टर में स्पेन की टीम ने वापसी की काफी कोशिश की और उनको अंतिम मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर भी मिले, लेकिन भारतीय डिफेंस ने बढ़िया काम करते हुए कोई गोल नहीं होने दिया. इस क्वार्टर में गेंद पर ज्यादा कब्जा स्पेन का रहा, लेकिन भारतीय गोलकीपर श्रीजेश और तमाम डिफेंडरों ने कमाल का काम करते हुए कांस्य पदक सुनिश्चित कर दिया.
शानदार अभियान का समापन
भारतीय हॉकी टीम का पेरिस ओलंपिक का अभियान अच्छा रहा. हॉकी टीम ने ओलंपिक में अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी. इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रा हुआ था. इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हार दी. लगातार तीन मैचों में अपराजेय रहने के बाद भारत को अपने पूल बी में बेल्जियम के खिलाफ पहली हार का सामना करना पड़ा. बेल्जियम ने भारत को 2-1 से हराया. इस हार के अगले ही दिन भारत ने जबरदस्त वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को ओलंपिक में 52 साल बाद हराते हुए 3-2 से जीत दर्ज की.
ग्रुप में रही थी नंबर दो टीम
भारतीय हॉकी टीम अपने ग्रुप में नंबर दो पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंची, जहां उनका मुकाबला ग्रेट ब्रिटेन के साथ हुआ. यह रोमांचक मुकाबला शूटआउट में गया, जहां भारत को 4-2 से जीत मिली. इसके बाद भारत सेमीफाइनल में जर्मनी के खिलाफ खेला और एक बढ़िया मैच हुआ. हॉकी इंडिया अपने शानदार खेल के बावजूद दमदार जर्मनी की बाधा पार नहीं कर सकी और यह मैच 2-3 से हार गई.