Olympics 2020: भारतीय हॉकी टीम ने वीरवार को जर्मनी को 5-4 से पटखनी देककर करोड़ों भारतीय को कोविड-19 काल में खुशी की बारिश से तरबतर कर दिया है. भारत ने ओलिंपिक खेलों के इतिहास में 41 साल के सूखे को खत्म करते हुए कांस्य पदक पर कब्जा जमाया. इससे पहले साल 1980 में मॉस्को ओलिंपिक में भारत ने स्वर्ण पदक जीता था. बहरहाल, एक समय मुकाबले में करोड़ों भारतीयों की सांस अटक गई थी, लेकिन इन सबसे अहम चंद और ऐतिहासिक सेकेंडों को भारत ने अपने पाले में बैठाकर जीत सुनिश्चित कर ली.
वास्तव में मुकाबले में यह पल खेल के आखिरी 60वें मिनट में आया, जब अंपायर ने पेनल्टी कॉर्नर जर्मनी को दे दिया. यह पेनल्टी कॉर्नर जर्मनी को मिलते ही भारतीयों के चेहरे सुन्न से पड़ गए. यहां भारत 5-4 की बढ़त पर था. लेकिन इन ऐतिहासिक 30 सेकेंडों पर पूरे टूर्नामेंट के दौरान सुपर से ऊपर प्रदर्शन करने वाले श्रीजैश ने कब्जा करते हुए इस पेनल्टी कॉर्नर को विफल कर दिया. जैसे ही इस शॉट को श्रीजैश ने रोका, वैसे ही करोड़ों भारतीय खेलप्रेमी एक-दूसरे के गले से लिपट गए.
अगर यह गोल हो जाता तो, मुकाबला 5-5 की बराबरी पर आ जाता. और यहां से कांस्य पदक विजेता का फैसला पेनल्टी शूट आउट से होता, लेकिन यह श्रीजैश ही थे, जिन्होंने एक बेहतरीन बचाव किया और मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में जाने से बच गया. अगर ऐसा होता, तो पता नहीं क्या होता. लेकिन नहीं हुआ और भारत ने 5-4 से मैच जीतकर कांस्य पदक पर कब्जा कर लिया.
VIDEO: लवलीना ने भारत के लिए ओलिंपिक में कांस्य पदक सुनिश्चित किया.