Avani Lekhara: "पहला राष्ट्रगान भारत का..." पेरिस में इतिहास रचने के बाद अवनि लेखरा ने दिया ये बयान

Avani Lekhara: ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पैरा निशानेबाज अवनि लेखरा का ध्यान पेरिस पैरालंपिक में और अधिक पदक जीतने पर लगा है और उनका कहना है कि वह अपनी बची हुई दो स्पर्धाओं में भी पोडियम पर आना चाहती हैं.

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Avani Lekhara: पेरिस में इतिहास रचने के बाद अवनि लेखरा ने दिया ये बयान

ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पैरा निशानेबाज अवनि लेखरा का ध्यान पेरिस पैरालंपिक में और अधिक पदक जीतने पर लगा है और उनका कहना है कि वह अपनी बची हुई दो स्पर्धाओं में भी पोडियम पर आना चाहती हैं. अवनि शुक्रवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) निशानेबाजी स्पर्धा लगातार दो पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं.

तीन साल पहले तोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली 22 वर्षीय अवनि ने शानदार 249.7 अंक हासिल कर तीन साल पहले के अपने ही पैरालम्पिक रिकॉर्ड 249.6 को तोड़ दिया. अवनि ने ऐतिहासिक जीत के बाद कहा,"यह बहुत करीबी फाइनल था. पहले, दूसरे और तीसरे स्थान के लिए बहुत कम अंतर था. लेकिन मैं नतीजों के बजाय अपने विचारों पर ध्यान लगा रही थी."

इस चैम्पियन निशानेबाज ने कहा,"मुझे खुशी है कि इस बार भी एरीना में बजने वाला पहला राष्ट्रगान भारत का राष्ट्रगान था. मुझे अभी दो और स्पर्धाओं में हिस्सा लेना है इसलिए मैं देश के लिए और पदक जीतने पर ध्यान लगाये हूं."

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वहीं अवनि के साथ कांस्य पदक जीतने वाली मोना अग्रवाल ने कहा,"काफी मुश्किल था लेकिन मैं सफल रही. इसलिये शुक्रिया. अवनि के साथ रहने निश्चित रूप से मदद की. वह एक चैम्पियन हैं और वह मुझे प्रेरित करती हैं."

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मोना (37 वर्ष) ने निशानेबाजी से पहले गोला फेंक, पावरलिफ्टिंग और व्हीलचेयर वॉलीबॉल सहित कई खेलों में हाथ आजमाया था. वह 228.7 अंक से कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं.

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भारत के पैरालंपिक इतिहास में यह पहली बार है कि दो निशानेबाजों ने एक ही स्पर्धा में पदक जीते हैं. एसएच 1 वर्ग में वे खिलाड़ी होते हैं जिनकी बाजुओं, कमर के निचले हिस्से , पैरों में विकृति होती है या उनकी बाजू नहीं होती है.

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'वंडर गर्ल' अवनि लेखरा पैरालम्पिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई जिन्होंने तोक्यो के बाद पेरिस पैरालम्पिक में भी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जबकि भारत की मोना अग्रवाल को कांस्य पदक मिला.

तीन साल पहले तोक्यो में स्वर्ण जीतने वाली 22 वर्ष की अवनि ने 249.7 का स्कोर करके अपना ही 249.6 का पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त किया. वहीं दो साल पहले निशानेबाजी में पदार्पण करने वाली मोना ने 228.7 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता.

ग्यारह वर्ष की उम्र में कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण अवनि व्हीलचेयर पर निर्भर हैं. वह टोक्यो पैरालम्पिक 2021 में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज बनी थी. क्वालीफिकेशन में गत चैम्पियन अवनि ने 625.8 स्कोर किया और वह इरिना एस के बाद दूसरे स्थान पर रही. दो बार विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली मोना ने क्वालीफिकेशन में 623.1 स्कोर करके पांचवां स्थान हासिल किया था.

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