शनिवार का दिन यूं तो छुट्टी का दिन था, लेकिन भारतीय खेल इतिहास के लिए यह एक ऐसा दिन था, जिसे हमेशा याद किया जाएगा क्योंकि दिल्ली में खेली जा रही वर्ल्ड वीमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप (Women World Boxing Championship) में शनिवार को भारत ने एक नहीं, बल्कि दो-दो स्वर्ण पदक जीते. एक पदक 48 किग्रा भारवर्ग में नीतू घनघस ने जीता, तो दूसरा स्वर्ण स्वीटा बूरा ने 81 किग्रा भार वर्ग में जीतकर दुनिया भर को बता दिया कि मैरी कॉम के बाद और कई बॉक्सर दुनिया में अपनी धमक सुनाने के लिए तैयार हैं. इन्होंने संदेश दिया कि मानो अभी तो यह आगाज भर है, अभी कई सितारें हासिल करना बाकी है. जीत के बाद नीतू घंघास ने एनडीटीवी से खास बात की. और इस बातचीत में निकलकर आया कि कितने ज्यादा संघर्ष के बाद इन बॉक्सरों को उनकी तपस्या का फल मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई गणमान्य शख्सियतों ने दोनों विजेताओं को बधायी दी है.
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World Boxing: नीतू के बाद स्वीटी का भी धमाल, विश्व बॉक्सिंग में अलग-अलग वर्ग में जीते स्वर्ण पदक
बता दें कि इस जीत के बाद नीतू और स्वीटी दोनों को ही स्वर्ण पदक जीत के लिए इनामी राशि के रूप में एक-एक लाख यूएस डॉलर (करीब 82 लाख रुपये) मिलेंगे. रजत विजेता को पचास हजार यूएस डॉलर (करीब 41 लाख) और कांस्य पदक विजेता को विजेता को पच्चीस हजार यूएस डॉलर (करीब 20 लाख रुपये) इनाम में मिलेंगे. इनामी राशि का आप कैसे इस्तेमाल करेंगी के सवाल पर नीतू ने कहा, "सबसे पहले वह उधार की रकम चुकाएंगी, जो उन्होंने या उनके परिवार ने ले रखी है. मेरे छोटी बहन डॉक्टरी की पढ़ायी कर रही है. छोटा भाई भी 10 मी. एयर पिस्टल खेल में है, उसे भी सपोर्ट करना है."
फाइनल के दौरान हौसलाअफजायी के लिए उपस्थित रहे ओलिंपियन पदक विजेता विजेंदर सिंह की उपस्थिति पर नीतू ने कहा कि मुझे बहुत ही खुशी हुई कि विजेंदर सिंह भी मेरा फाइनल मुकाबला देखने के लिए आए. और इससे मुझे काफी हौसला और प्रेरणा मिली. जब वह मेरे लिए चीयर कर रहे थे, तो इससे मेरा काफी आत्मविश्वास बढ़ा. बता दें कि नीतू यूथ प्रतियोगिता के अलावा पिछले साल कॉमवेल्थ खेलों में भी स्वर्ण पदक विजेता रही थीं. यहां तक के सफर के बारे में नीतू ने कहा कि स्वर्ण पदक की यात्रा तक काफी मुश्किलें आयी और यह यात्रा काफी सीखने वाली भी रही. उन्होंने कहा कि भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए वह आगे ऐसी ही तैयारी करेंगी और देश के लिए पदक जीतेंगी.