कतर में जारी फीफा वर्ल्ड कप (Fifa World Cup 2022) में सोमवार को बहुत ही अजीब बात देखने को मिली, जब मैच शुरू होने से पहले ईरान के खिलाड़ियों के राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया. इसके पीछ का मकसद यह रहा कि खिलाड़ियों मकसद अपने देश में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करना था. मैच से पहले कप्तान अलीजेरा जहांबख्श ने कहा कि टीम यह मिलकर तय करेगी कि वह प्रदर्शनकारियों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए यह तय करेगी कि राष्ट्रगान गाना है या नहीं. बाद में टीम ने राष्ट्रगान न गाने का फैसला किया और जब दोहा के खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम में ईरान का राष्ट्रगान बजा, पंक्ति में खड़े सभी खिलाड़ी गंभीर हाव-भाव के साथ खड़े रहे और किसी ने भी राष्ट्रगान नहीं गाया.
बता दें कि सितंबर 16 को पुलिस हिरास में 22 साल की अमिनी की हुई मौत के बाद से ईरान को पिछले दो महीने से प्रदर्शनकारियों ने दहला कर रखा है. 22 साल की अमिनी की तहरान में गिरफ्तारी के तीन बाद पुलिस हिरासत में मौत हो गयी थी. अमिनी पर आरोप था कि उन्होंने इस्लामिक ड्रेस कोड का उल्लंघन किया, जिसके तहत सिर पर हिजाब पहनना अनिवार्य है. अमिनी की मौत की खबर आयी, तो इरान में प्रदर्शनकारियों का सैलाब टूट पड़ा और प्रदर्शन में अभी तक 400 से भी ज्यादा नागरिकों की मौत हो चुकी है.
पैदा हुए हालात के बाद अब हालात ऐसे बन पड़े हैं कि खेलों में खिलाड़ियों ने प्रदर्शनकारियों के समर्थन में राष्ट्रगान न गाने और जीत के बाद जश्न न मनाने का फैसला किया है. इंग्लिश क्लब ब्रिगटन के लिए खेलने वाले ईरानी कप्तान जहांबख्श से ब्रिटिश पत्रकार ने राष्ट्रगान को लेकर सवाल पूछा था.
इस पर ईरानी कप्तान ने कहा कि हर खिलाड़ी का अलग-अलग जश्न मनाने का तरीका है. आपने राष्ट्रगान को लेकर सवाल पूछा है और यह वह बात है, जो टीम मिलकर तय करेगी कि इसे गाना है या नहीं, लेकिन हमने इसे बड़ा मुद्दा नहीं बनाया क्योंकि हम फिलहाल केवल फुटबॉल के बारे में सोच रहे हैं. बहरहाल बात जहांबख्श ने मैच से पहले कही थी, लेकिन मैच से पहले टीम ने राष्ट्रगान नहीं गाया.