World Chess Championship: "शतरंज का अंत..." गुकेश के विश्व विजेता बनने पर पूर्व चैंपियन का चौंकाने वाला बयान

Vladimir Kramnik on Gukesh vs Ding Liren: पूर्व विश्व चैंपियन व्लादिमीर क्रैमनिक भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश और चीन के डिंग लिरेन के बीच विश्व चैंपियनशिप मैच के दौरान शतरंज की गुणवत्ता से प्रभावित नहीं थे

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Gukesh: गुकेश के विश्व विजेता बनने पर पूर्व चैंपियन का चौंकाने वाला बयान

पूर्व विश्व चैंपियन व्लादिमीर क्रैमनिक भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश और चीन के डिंग लिरेन के बीच विश्व चैंपियनशिप मैच के दौरान शतरंज की गुणवत्ता से प्रभावित नहीं थे और उन्होंने इसे 'शतरंज का अंत' करार दिया. गुकेश बृहस्पतिवार को तनावपूर्ण मुकाबले की 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन लिरेन को हराकर 18 साल की उम्र में खिताब जीतकर सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बन गए.

मैच के बाद क्रैमनिक ने खेल की गुणवत्ता पर अपनी निराशा व्यक्त की और लिरेन की एक गंभीर गलती को 'बचकाना' बताया. अपनी प्रतिक्रिया में क्रैमनिक ने 'एक्स' पर लिखा,"कोई टिप्पणी नहीं. दुखद. शतरंज का अंत हो गया है जैसा कि हम जानते हैं." एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा,"अभी तक किसी विश्व कप खिताब का फैसला इतनी बचकानी एक चाल की गलती से नहीं हुआ है."

क्रैमनिक ने चैंपियनशिप में छठी बाजी के बाद भी खेल के स्तर की आलोचना की थी और इसे 'कमजोर' बताया था. उन्होंने कहा,"सच कहूं तो मैं आज के खेल (छठी बाजी) से बहुत निराश हूं. यहां तक कि पांचवीं बाजी भी बहुत उच्च स्तर की नहीं थी. लेकिन आज - एक पेशेवर के लिए - दोनों खिलाड़ियों का खेल वाकई बहुत कमजोर था. यह बहुत निराशाजनक स्तर है."

रूस के 49 वर्षीय क्रैमनिक 2000 से 2006 तक क्लासिकल विश्व शतरंज चैंपियन थे. क्रैमनिक ने 2000 में दिग्गज गैरी कास्पारोव को हराया और क्लासिकल विश्व शतरंज चैंपियन बने. भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश बृहस्पतिवार को यहां रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने.

गुकेश ने 14 बाजी के इस मुकाबले की आखिरी क्लासिकल बाजी जीतकर लिरेन के 6.5 के मुकाबले जरूरी 7.5 अंक के साथ खिताब जीता. यह बाजी हालांकि अधिकांश समय ड्रॉ की ओर जाती दिख रही थी. बृहस्पतिवार को गुकेश की खिताबी जीत से पहले रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन थे जिन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था.

गुकेश इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे. वह दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद वैश्विक खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं. पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ने अपना आखिरी खिताब 2013 में जीता था.

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