Norway Chess, Magnus Carlsen: vs D Gukesh : दुनिया के नंबर एक शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) को भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश (D Gukesh) ने नॉर्वे चेस 2025 के छठे राउंड में हरा दिया. युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश से हारने के बाद मैग्नस कार्लसन पूरी तरह हैरान रह गए थे. उन्हें खुद पर यकीन ही नहीं हुआ, यही कारण था कि हार मिलते ही कार्लसन ने टेबल पर घूंसा माकर अपनी नाराजगी जताई थी. सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हुआ था. कार्लसन ने बोर्ड पर अपनी मुट्ठी पटकी और हताश होकर कहा: "हे भगवान..
इस हार के बाद क्लासिकल शतरंज खेलने के बारे में बात करते हुए कार्लसन ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि गुकेश के खिलाफ़ खेलना मज़ेदार था. मुझे इस पर विचार करना होगा कि इससे कैसे बचा जाए... शायद मुझे क्लासिकल शतरंज खेलना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए. यह मेरे लिए बिल्कुल भी मज़ेदार नहीं था. सामान्य तौर पर मुझे लगता है कि मैंने टूर्नामेंट में अच्छा खेला है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह खेलना मज़ेदार है. मैं अपने खेल के स्तर को लेकर चिंतित नहीं हूं".
वहीं, दूसरी ओर कार्लसन ने युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश (D Gukesh) की जमकर तारीफ भी की, गुकेश के खिलाफ़ खेल के बारे में ANI से बात करते हुए कार्लसन ने कहा, "मुझे याद है कि मैं खुद उस उम्र में था और अपनी ऊर्जा, अपने लड़ने के गुणों और अपने आशावाद को खर्च करना कभी-कभी आपके चालों की गुणवत्ता से बड़ा होता है. लंबे समय तक, गुकेश बस आंख मूंद करके आगे बढ़ रहा था..एक सामान्य दिन पर, निश्चित रूप से, मैं वह खेल जीत जाता.वह जो अच्छा करता है वह यह है कि वह वास्तव में बहुत अच्छी तरह से लड़ता है और अंत तक हार नहीं मानता है. वह अपना मौका लेने के लिए तैयार था और उसने वैसा ही किया. मुझे ऐसे मौके को उससे वास्तव में दूर रखना होगा अन्यथा मेरे पास कोई मौका नहीं होगा."
दूसरी ओर कार्लसन ने टेक टेक टेक ऐप से बात की और क्लासिकल शतरंज में खेलने को लेकर अपनी भावनाएं विस्तार से बताई, कार्लसन ने कहा, “ऐसा नहीं है कि मैं क्लासिकल शतरंज नहीं खेल सकता..लेकिन कल जैसी परिस्थितियों में, मैं सोच रहा था, ‘मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं? इसका क्या मतलब है? कार्लसन ने आगे कहा कि "वह नॉर्वे शतरंज में अंतिम तीन क्लासिकल खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे, और “फिर देखेंगे कि उन्हें क्या करना चाहिए”.