NDTV Exclusive Interview: "मां थी तो..." चेस ओलंपियाड में गोल्ड जीतने के पीछे की कहानी सुनिए विजेताओं की जुबानी

Chess Olympiad 2024: भारत की पुरुष टीम ने स्लोवेनिया को हराकर स्वर्ण पदक जीता, वहीं महिला टीम ने अजरबैजान को 3.5-0.5 से हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया

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Chess Olympiad 2024 Team India Winners

Chess Olympiad 2024: भारत ने बुडापेस्ट में अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) शतरंज ओलंपियाड में शानदार प्रदर्शन करते हुए रविवार को पुरुष और महिला दोनों वर्गों में दो स्वर्ण पदक जीता. सबसे पहले एनडीटीवी भारत के लिए गोल्ड जीतने वाले पुरुष और महिला चेस खिलाड़ियों का इंटरव्यू आपके लिए लेकर आया है जहां उन्होंने चेस ओलंपियाड में गोल्ड तक के सफर के बीच आने वाले खुशी और गम दोनों ही पलों को लेकर बात की है.

वंतिका अग्रवाल ने जीत के पलों को याद कर कहा

जीत के पलों को लेकर बात करते हुए वंतिका ने कहा की हम बहुत खुश है की मेंस और वीमेन दोनों ने ही कमाल कर दिया और वो भी गोल्ड जीता, इसलिए बहुत खुशी हुई. जीत के जश्न पर डांस को लेकर वंतिका ने कहा की हमने सोच लिया था की एक बार अगर डबल गोल्ड जीत जाते हैं तो जीतने के बाद जश्न पक्का मनाएंगे.

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वंतिका ने कहा की आखिरी 2-3 मुकाबले से पहले तो नींद ही नहीं आ रही थी की कैसे भी ये ठीक से निकल जाये. मेरे साथ माँ थी तो मैं खुश थी क्योंकि अकेले इतना टेंशन लेना आसान नहीं था और माँ होती है तो सब कुछ आसान हो जाता है, वो जगी रहती थी ताकि मैं सो सकूं. मैं बचपन में जब स्कूल में खेलती थी तब से ही ये सपना था की भारत के लिए गोल्ड जीतू. जब ये मौका मुझे मिला तब मैंने सोचा की हर गेम मेरे लाइफ का बेस्ट गेम होना चाहिए.

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हरिका द्रोणावल्ली ने सुनाई भावुक होने की कहानी

हरिका ने फाइनल गेम जीतने के बाद भावुक होने के पीछे की वजह बताई. हरिका ने कहा कि बहुत साल लगा महिला टीम को इस पोडियम पर जाने के लिए और मैं 2004 से हिस्सा लेती रही और तब से मेरा सपना था की मुझे जीतना है और जब मैं रोई थी तब मुझे पता था की हम गोल्ड जीतने वाले हैं और उसकी वजह से मैं भावुक हो गई थी. जब मैं वहां रखा कप देख रही थी तो उसमे बहुत सारी टीमों का नाम था तब मुझे एहसास हुआ की ये जीत हमारे लिए कितना बड़ा था और ये चेस जगत के लिए बहुत खुशी वाला पल था,   

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भारत की पुरुष टीम जिसमें डी गुकेश, आर प्रज्ञानंदधा, अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती और पेंटाला हरिकृष्णा शामिल थे, उन्होनें स्लोवेनिया को हराकर स्वर्ण पदक जीता. गुकेश और एरिगैसी की जीत ने भारत को 2-0 की बढ़त दिलाई और प्रज्ञानंदधा की बाद की जीत और विदित के ड्रॉ ने 3.5-0.5 की जीत के साथ स्वर्ण पदक पक्का कर दिया.

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इस बीच, हरिका द्रोणावल्ली, आर वैशाली, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल और तानिया सचदेव वाली भारतीय महिला टीम ने अजरबैजान को 3.5-0.5 से हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया. हरिका, दिव्या और वंतिका ने अपने-अपने मैच जीते, जबकि वैशाली ने अपना मैच ड्रॉ किया.

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