Vinesh Phogat Case: क्यों खारिज हुई सिल्वर मेडल के लिए विनेश फोगाट की अपील? CAS ने बताई वजह

CAS Verdict on Vinesh Phogat: CAS के एक तदर्थ प्रभाग ने 14 अगस्त को 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ उनकी अपील को खारिज कर दिया था, जिस पर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.

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CAS Verdict on Vinesh Phogat

CAS Verdict on Vinesh Phogat: खेल पंचाट न्यायालय (CAS) ने भारतीय पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) की पेरिस ओलंपिक फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील को खारिज करने के कारण बताते हुए कहा है कि खिलाड़ियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने वजन की सीमा से नीचे रहें और किसी भी परिस्थिति में कोई अपवाद नहीं दिया जा सकता. CAS के एक तदर्थ प्रभाग ने 14 अगस्त को 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ उनकी अपील को खारिज कर दिया था, जिस पर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. CAS ने सोमवार को एक विस्तृत निर्णय प्रकाशित किया, जिसमें विनेश की अपील खारिज किए जाने के कारण बताए गए.

खेल पंचाट की ओर से सोमवार को जारी विस्तृत आदेश के मुताबिक, ‘‘ इस मामले की सुनवाई करने वाली एकल पीठ ने निष्कर्ष निकाला है कि आवेदक ने अपनी मर्जी से 50 किलोग्राम कुश्ती वर्ग में प्रवेश किया था और वह अच्छी तरह से जानती थी कि प्रतियोगिता के लिए उसे 50 किलोग्राम से कम वजन बनाए रखना होगा.''

इसके मुताबिक, ‘‘नियमों के अनुच्छेद सात में यह स्पष्ट है कि प्रत्येक प्रतियोगी को अपनी स्वतंत्र इच्छा से भाग लेने वाला माना जाता है और वह स्वयं के लिए जिम्मेदार है. वह केवल एक भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने का हकदार है, जो कि उस समय के वजन के अनुरूप है.''

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उन्होंने कहा, ‘‘आवेदक एक अनुभवी पहलवान है जिसने पहले नियमों के तहत प्रतिस्पर्धा की थी, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वह वजन संबंधी आवश्यकताओं को नहीं समझती थी. उन्होंने कहा, ‘‘उसने स्वेच्छा से 50 किलोग्राम वर्ग में प्रवेश किया और उस वजन सीमा को बनाये रखने का एक नियम है."

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सीएएस के मुताबिक, ‘‘ खिलाड़ी के लिए समस्या यह है कि वजन सीमा के संबंध में नियम स्पष्ट हैं और सभी प्रतिभागियों के लिए समान हैं. इसके लिए (ऊपरी सीमा) कोई छूट प्रदान नहीं की गई है. यह स्पष्ट रूप से खिलाड़ी की जिम्मेदारी है कि वह उस सीमा से नीचे रहे.''

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उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई विवाद नहीं है कि आवेदक का वजन सीमा से अधिक था.  उसका मामला यह है कि उसका वजन मात्र 100 ग्राम अधिक था और इसकी छूट मिलनी चाहिये क्योंकि ऐसा पानी पीने और विशेष रूप से मासिक धर्म से पहले के चरण के दौरान हो जाता है''

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उनकी अपील पर निर्णय तीन बार स्थगन के बाद सुनाया गया. अपनी अपील में विनेश ने मांग की थी कि उन्हें क्यूबा की पहलवान युसनेलिस गुजमैन लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए, जो सेमीफाइनल में उनसे हार गयी थी. भारत की 29 साल की खिलाड़ी के अयोग्य होने के बाद क्यूबा की पहलवान को फाइनल में खेलने का मौका मिला था. इस स्पर्धा का स्वर्ण अमेरिकी सारा एन हिल्डेब्रांट ने जीता था. विनेश का रविवार को भारत पहुंचने पर नायकों की तरह स्वागत किया गया था. (भाषा के इनपुट के साथ )

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