केंद्रीय कैबिनेट ने नई खेल नीति को दी मंजूरी, 2047 तक भारत को टॉप-5 खेल नेशन में शामिल करने का लक्ष्य

Khelo Bharat Niti 2025: विश्व खेलों में भारत को शीर्ष पांच में लाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को खेलो भारत नीति को मंजूरी दी है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Khelo Bharat Niti 2025: केंद्रीय कैबिनेट ने नई खेल नीति को दी मंजूरी

Khelo Bharat Niti 2025: विश्व खेलों में भारत को शीर्ष पांच में लाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को खेलो भारत नीति को मंजूरी दी जिसका उद्देश्य देश को 2036 ओलंपिक के लिए मजबूत दावेदार बनाने के लिए एक मजबूत प्रशासनिक ढांचे के साथ-साथ कोचिंग और खिलाड़ियों के समर्थन के मामले में 'विश्व स्तरीय प्रणाली' तैयार करना है. पहले इसे राष्ट्रीय खेल नीति कहा जाता था और 1984 में पहली बार पेश किया गया था. खेलो भारत नीति 2025 अब 2001 की नीति का स्थान लेगी. यह देश के खेल पारिस्थितिकी तंत्र की बेहतरी के लिए योजनाओं को तैयार करने के लिए एक 'मार्गदर्शक दस्तावेज' है.

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस नीति और मंत्रिमंडल के अन्य फैसलों के बारे में संवाददाताओं से कहा,"हमने पिछले 10 साल के अनुभव का इस्तेमाल किया है और नयी नीति खेलों में सुधार की दिशा में काम करेगी. इसका मुख्य उद्देश्य 2047 तक भारत को शीर्ष पांच खेल राष्ट्रों में शामिल करना है. यह हमारा मुख्य उद्देश्य है."

भारत 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी की इच्छा जता चुका है जिसके लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों को देश में लाने पर बड़े पैमाने पर जोर दिया गया है. प्रेस सूचना ब्यूरो के एक बयान में नयी नीति को केंद्रीय मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ), खिलाड़ियों, इस मामले के विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ 'व्यापक विचार-विमर्श' का परिणाम बताया गया है.

Advertisement

इसके तहत खेल को पर्यटन और आर्थिक विकास से जोड़ा जायेगा. वैष्णव ने कहा,"बड़ी संख्या में लोग आईपीएल, फुटबॉल मैच देखने के लिए यात्रा करते हैं. इससे पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है." 

Advertisement

यह दस्तावेज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ जुडने का प्रयास करता है, जिसमें खेलों को स्कूली पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग बनाया गया है. इसमें कहा गया है कि इसका उद्देश्य शिक्षकों और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को खेल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण से लैस करना है.

Advertisement

इसके सूचीबद्ध लक्ष्यों में खेल प्रशासन के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा स्थापित करना और पीपीपी (सरकारी और निजी क्षेत्रों की भागीदारी) और सीएसआर  के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी सहित नवीन वित्तपोषण तंत्र का विकास करना शामिल है.

Advertisement

खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को नया आकार देने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा,"यह ऐतिहासिक नीति जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे, खिलाड़ियों के विकास का समर्थन करने और भारत को वैश्विक खेलों में एक मजबूत ताकत के रूप में स्थापित करने के लिए एक रणनीतिक रूपरेखा की तरह है."

पिछली नीति में किए गए बदलावों में निजी कंपनियों की अधिक भागीदारी का आह्वान करना शामिल है. मांडविया पहले ही इसका जिक्र कर बता चुके हैं कि उन्होंने 40 से अधिक कंपनियों के साथ विचार-विमर्श किया है जो व्यक्तिगत ओलंपिक खेलों को अपनाने के लिए इच्छुक हैं.

खेल मंत्रालय सभी खेलों में 'लीग संस्कृति' को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम कर रहा है, जिसमें उन खेलों का वित्तपोषण करना भी शामिल है जिन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है. लीग शुरू करना भी नयी नीति का घोषित उद्देश्य है. 

दस्तावेज में महिलाओं, 'एलजीबीटीक्यू प्लस' समुदाय, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और आदिवासी समुदायों जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों के बीच खेलों में अधिक समावेशिता को बढ़ावा देने और भागीदारी बढ़ाने का भी प्रयास किया गया है. नीति में कहा गया है,"ऐसी सुविधाओं का निर्माण और रखरखाव बाधाओं को काफी हद तक कम कर सकता है और उनके बीच सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा दे सकता है."

यह भी पढ़ें: IND vs ENG 2nd Test: जोफ्रा आर्चर को प्लेइंग XI में क्यों नहीं मिला मौका? कप्तान बेन स्टोक्स ने दिया जवाब

यह भी पढ़ें: शुभमन गिल vs जो रूट: 33 टेस्ट के बाद किसका रिकॉर्ड है दमदार

Featured Video Of The Day
Pune Rape Case: पुणे रेप कांड का आरोपी 48 घंटे के तलाशी अभियान के बाद गिरफ्तार | BREAKING NEWS
Topics mentioned in this article